Tuesday, December 16

शाहजहाँपुर।जनपद के बैंक प्रबंधकों के साथ साइबर सुरक्षा गोष्ठी आयोजित — वित्तीय साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु पुलिस–बैंक समन्वय को मिली नई मजबूती।         

जनपद के बैंक प्रबंधकों के साथ साइबर सुरक्षा गोष्ठी आयोजित — वित्तीय साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु पुलिस–बैंक समन्वय को मिली नई मजबूती।                   

शाहजहांपुर। योगेंद्र यादव 

 पुलिस अधीक्षक शाहजहाँपुर की अध्यक्षता में पुलिस लाइन्स सभागार में जनपद के विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधकों के साथ एक महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में पुलिस अधीक्षक नगर , क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम , साइबर थाना/साइबर सेल के अधिकारी, प्रतिसार निरीक्षक, तथा सभी प्रमुख बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थित रहे।

इस गोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, बैंक–पुलिस समन्वय को सुदृढ़ करना तथा वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम के प्रभावी उपायों पर संयुक्त रणनीति बनाना रहा। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसपी ने कहा कि साइबर अपराध आज का सबसे बड़ा वित्तीय खतरा है। सतर्कता, जागरूकता और त्वरित कार्यवाही ही बचाव के सबसे प्रभावी उपाय हैं।

एसपी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश—

1.प्रायः देखने में आया है कि जनपद के कई बैंक शाखा ऐसी है जहां पर सबसे अधिक MULE ACCOUNTS संचालित है जो कि साइबर क्राइम में शामिल है , जिसमें किसी बैंक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। ऐसे कर्मचारी को चिन्हित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करें व तत्काल हमें सूचित करें ।

2.कई साइबर अपराध ऐसे है जिनमें आपकी त्वरित कार्यवाही से व सहायता से पीड़ित के रुपये वापस आ सकते है व साइबर अपराधी को पकड़ा जा सकता है । ऐसे मामलों में आप साइबर क्राइम सैल व समस्त थानों पर गठित साइबर क्राइम टीम को सहयोग अवश्य करें ।

3.RBI GUIDELINES के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति 50,000 रु0 से ज्यादा धनराशि का निकास CHEQUE WITHDRAWAL के माध्यम से करता है, तो उसका KYC (ADHAAR, PAN CARD) प्राप्त कर सत्यापन आवश्य करलें ।

4.पूराने व नए बैक खातों की KYC व पुनः सत्यापन आवश्य करलें क्योंकि साइबर क्राइम में कई प्रकरण ऐसे पायें गये जिसमें संदिग्ध बैंक खाताधारक की KYC अपूर्ण थी, जिससें हमारी साइबर क्राइम सैल को साइबर अपराध मामलों में जांच करने में बाधा उत्पन्न हो रही है ।

5.जो भी ONLINE BANK ACCOUNTS खोले जा रहे है, जिनमें ONLINE KYC होती है, ऐसे बैंक खातों का सत्यापन व KYC TWO STEP – VERIFICATION होना चाहिये, जिसमें उस व्यक्ति का BIOMETRIC, PHOTO, ADHAAR CARD & PAN CARD आवश्य शामिल हो ।

6.संबंधित बैंक के ATMs के सभी कैमरे सुचारु रुप से कार्य कर रहे है या नहीं, गार्ड की मौजूदगी ज़रूर चैक करना सुनिश्चित करें ।

7.MULE ACCOUNT खाताधारकों की संलग्न सूची में प्रदर्शित खातों का पूनः सत्यापन करवाले व संदिग्ध प्रतीत होने पर तुरन्त साइबर क्राइम सैल को सूचित करें । जिससे आवश्यक कार्यवाही की जा सकें ।

8.किसी भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन, खाते में बदलाव, मोबाइल नंबर/ईमेल अपडेट, या नेट बैंकिंग रीसेट के लिए ग्राहक की पहचान सत्यापित करना अनिवार्य है।

9.बैंक ग्राहकों के दस्तावेज़, पासबुक, स्क्रीनशॉट या KYC व्हाट्सऐप या निजी ईमेल से साझा न हों।

🔹 साइबर अपराधों की वर्तमान प्रवृत्तियाँ (बैंकिंग संदर्भ में)

गोष्ठी में तेजी से बढ़ रहे निम्न साइबर धोखाधड़ी के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की गई—

• OTP फ्रॉड

• फर्जी KYC अपडेट कॉल/लिंक

• फिशिंग लिंक (Bank/Income tax के नाम पर)

• SIM Swap धोखाधड़ी

• सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड

• फर्जी बैंक अधिकारी बनकर कॉल

विशेष तथ्य:

इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के अनुसार अप्रैल 2021–दिसंबर 2023 के बीच 10,319 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी हुई तथा वर्ष 2023 में 11 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं।

🔹 सतर्कता ही सुरक्षा

गोष्ठी में बैंकों को निम्न दिशा-निर्देश दिए गए—

• संदिग्ध KYC, म्यूल खातों, डोरमंट खातों के गलत सक्रियण से बचें।

• शाखा में स्थापित CCTV/अलार्म सिस्टम पूर्णतः सक्रिय हों।

• RBI के Financial Fraud Risk Indicator (FRI) System का अनुपालन अनिवार्य।

🔹 जनता के लिए महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा सलाह

• OTP/पासवर्ड किसी को न दें — बैंक कभी नहीं पूछता ।

• KYC अपडेट केवल बैंक शाखा में ही कराएं ।

• संदिग्ध लिंक/कॉल से बचें — फिशिंग लिंक पर क्लिक न करें ।

• सार्वजनिक Wi-Fi का उपयोग सावधानी से करें ।

• साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत हेल्पलाइन 1930 या

cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।

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