
अस्पताल में अनजान बच्चे को खून देकर सहयोग संस्था की नेहा यादव ने बचाई जान
शाहजहांपुर। मुजीब खान
घर से मस्जिद बड़ी दूर है कुछ यूं कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हसाया जाए।। किसी शायर की यह चंद लाइने उस बख्त ज़ेहन में दौड़ गई जब जिले में खिदमते खल्क के लिए मशहूर ओ मारुफ इदारा “सहयोग” की नेहा यादव सक्सेना जब एक अनजान बच्चे को खून की जरूरत पर अपने आप को नहीं रोक पाई और जिला अस्पताल में दाखिल मरीज बच्चे को खून देने पहुंच गई फौरन बच्चे को ढूंढ कर उसके बारे में पता किया और बिना देरी ब्लड बैंक में जाकर अपना खून निकलवा दिया अपने इस इंसानियत भरे काम से उन्होंने एक मासूम को नई जिंदगी देने का काम करते हुए मरीज के घर वालो के जो चेहरे बच्चे की परेशानी के चलते मुरझा गए थे उन चेहरों पर हंसी लाने का काम किया वही डॉक्टरों ने बताया कि इस बच्चे को खून की सख्त जरूरत थी जिसे बख्त पर आकर नेहा यादव सक्सेना ने दे दिया है जिससे अब बच्चे को कोई परेशानी नहीं है।
वही नेहा यादव ने बताया कि हमारी इस संस्था सहयोग जुड़े हर व्यक्ति के दिल लोगो का दर्द दूर करने को सोच रहती है आज जब मालूम हुआ कि एक बच्चे को खून की सख्त जरूरत है और उसका ग्रुप बी पॉजिटिव है इस लिए की उनका भी ग्रुप बी पॉजिटिव है और उनका खून किसी की जान बचाने के काम में आ सकता है इस लिए वह दौड़ पड़ी तब तक उन्हें सुकून नहीं मिला जब तक कि उन्होंने उस बच्चे को अपना खून नहीं दे दिया अब बच्चा सही है। खून का इंतजाम होने के बाद जो खुशी बच्चे के घरवालों के चेहरों पर देखने को मिली बस यही खुशी सब परेशान हाल लोगो के चेहरों पर देखने के लिए उनकी संस्था काम कर रही है ।

