Monday, December 15

हमेशा के लिए खामोश हो गई भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाले संजीव इंसान की आवाज़।

हमेशा के लिए खामोश हो गई भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाले संजीव इंसान की आवाज़

हार्ट अटैक पड़ने से कल रात ली अंतिम सांस गरीबों की हित के लिए लड़ने को रहते थे हर समय तैयार।

मुजीब खान

शाहजहांपुर / जनपद में भू माफिया हो या ड्रग्स माफिया शिक्षा माफिया हो या अवैध अस्पताल सबके खिलाफ अकेले दम अपनी पत्नी और चंद सहयोगियों के दम पर लड़ने वाले जनता की आवाज संगठन के संजीव गुप्ता उर्फ संजीव इंसान ने रात इस दुनिया को अलविदा कह दिया वह पिछले दो महीने से हार्ट की प्रॉब्लम को लेकर बीमार चल रहे थे अभी कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद घर आ गए थे कल रात करीब 9 बजे अचानक हुए हार्ट अटैक के बाद वह हमेशा के लिए गहरी नींद में सो गए संजीव इंसान ने निधन की सूचना मिलने पर उनके चाहने वालो का हुजूम उनके घर को ओर चल पड़ा ।

अकेल दम पर पत्नी के साथ न्याय के लिए लड़ने वाले संजीव इंसान शाहजहांपुर के भू माफियाओं ड्रग्स माफियाओं दवा माफियाओं और शिक्षा माफियाओं सहित अन्य गलत कार्य करने वाले लोगो की आंखों की किरकिरी बन चुके थे अभी पिछले दिनों संजीव के मकान को लेकर भी विवाद हुआ था जिसमें उनका उनके मकान मालिक ने मिलकर काफी नुकसान हुआ था लेकिन पुलिस द्वारा सही कार्यवाही न करने पर उनको हार्ट अटैक पड़ गया था जो उनको इस दुनिया से विदा कर गया शाहजहांपुर में अवैध कार्यों का विरोध करने वाले संजीव इंसान अगर अपने अनोखे ढंग से किए प्रदर्शनों के लिए याद किए जाएंगे तो अपनी हैसियत से बढ़ कर करोना काल से लेकर बाढ़ इत्यादि में भी गरीबों की मदद करने के लिए याद किए जाएंगे ।

नेताओं को गालियां देते हुए वायरल करते थे वीडियो

संजीव इंसान एक निडर इंसान होने के साथ हर किसी परेशान व्यक्ति का सहारा बन कर खड़े हो जाते थे उनकी पहचान नेताओं को गाली देने वाले व्यक्ति के रूप में भी बनी हुई वह स्वय अपनी पत्नी से वीडियो बनवा कर नेताओं को खुली मां बहन की गालियां देते थे और बाद में उसे वायरल भी करते थे उनका साफ कहना था कि देश की जनता के हितार्थ वह कोई भी कदम उठा सकते है ।

अधिकारियों की आंखों की बने थे किरकिरी

संजीव इंसान हर उस काम में अपना पैर अड़ा देते थे जहां से भ्रष्टाचार की बू आती थी उनके प्रदर्शनों से पुलिस विभाग सहित अन्य अधिकारी भी नाराज रहते थे क्योंकि वह किसी परेशान बेसहारा को इंसाफ दिलाने के लिए खुले आम प्रदर्शन करके शासन प्रशासन की नींद हराम कर देते थे उनकी अपने अनोखे और बेतुके प्रदर्शन के कारण अधिकारी उनसे नाराज रहते थे ।

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