Friday, December 19

भदोही।कृषि भवन सभागार में नैनो उर्वरकों पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न।

कृषि भवन सभागार में नैनो उर्वरकों पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न।

भदोही।जिले के कृषि भवन सभागार, घराव में नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी तरल पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

  क्षेत्र अधिकारी इफको भदोही विमल कुमार जायसवाल द्वारा सभागार में उपस्थित सभी केंद्र प्रभारी एवं प्रगतिशील कृषकों को नैनो उर्वरकों के प्रयोगविधि एवं लाभ के बारे में जानकारी दी गई।

       नैनो डीएपी तरल का प्रयोग किसान बीज शोधन 5 मिलीलीटर / किलोग्राम बीज की दर से एवं जड़ शोधन 5 मिलीलीटर/ लीटर के दर से करे एवं दानेदार डीएपी की मात्रा आधी प्रयोग करे और जब फसल पर पत्तियां आ जाए तो अनाज वाली फसलों में 4 मिलीलीटर/ लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करे ।

 नैनो डीएपी के लाभ

पारंपरिक डीएपी से सस्ता (600 रु प्रति बोतल)।

मिट्टी, जल एवं वायु प्रदूषण में कमी ।

भंडारण एवं परिवहन में सुविधा ।

पर्यावण हितैषी।

फसल उपज एवं गुणवत्ता में वृद्धि ।

    नैनो यूरिया प्लस रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाकर बेहतर पोषण व गुणवत्तायुक्त उत्पादन बढ़ाता है ।

नैनो यूरिया प्लस का प्रयोग फसल जब 30 से 35 दिन की हो जाए तो पत्तियों पर 4 मिलीलीटर /लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करे और दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 15 से 20 दिन बाद करे एवं दानेदार यूरिया का प्रयोग केवल पहली टापड्रेसिंग में ही करे शेष नाइट्रोजन की पूर्ति नैनो यूरिया प्लस के माध्यम से करे । इसके प्रयोग से पौधों को जब नाइट्रोजन की पूर्ति पत्तियों के माध्यम से हो जाएगी तो खरपतवार पर भी अंकुश लगेगा, फसल उपज एवं गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है । नैनो यूरिया प्लस की 500 ml की एक बोतल एक एकड़ क्षेत्रफल के लिए पर्याप्त है ।

   जनपद भदोही के सभी किसानो से आग्रह है कि दानेदार उर्वरकों का प्रयोग कम करते हुए नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी का प्रयोग अवश्य करे । नैनो यूरिया प्लस अब भारत में आत्मनिर्भर कृषि का मार्ग प्रशस्त करने वाला सहकारिता से समृद्धि की ओर एक बड़ा कदम बनने जा रहा है ।

      सभी किसान भाई द्वितीय एवं तृतीय टापड्रेसिंग में नैनो यूरिया प्लस या नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी एवं सागरिका तरल का एक साथ घोल बनाकर छिड़काव अवश्य करे इससे फसल उपज एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है । सभी किसान भाई नैनो उर्वरकों का प्रयोग करे ।इसके प्रयोग से लागत में भी कमी आएगी और गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी ।

  अश्विनी कुमार सिंह द्वारा सभी केंद्र प्रभारी को निर्देशित किया गया कि कृषकों को नैनो उर्वरकों की बिक्री प्रयोगविधि एवं लाभ की जानकारी देते हुए ही की जाए साथ ही कृषकों के खेत में अधिक से अधिक नैनो उर्वरकों का प्रदर्शन कर उसके परिणामों को दिखाया जाए ।

  कु. इरम मिर्ज़ा द्वारा सभागार में उपस्थित सभी केंद्र प्रभारी को निर्देशित किया गया कि नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी की बिक्री किसानो को प्रयोग विधि, मात्रा एवं लाभ की जानकारी देते हुए ही की जाए जिससे की भारत सरकार द्वारा दानेदार उर्वरकों पर अनुदान के रूप में दी जाने वाली धनराशि से भी बचा जा सके । नैनो उर्वरकों की बिक्री कृषकों को समझाकर एवं छोटे छोटे कृषक गोष्ठी के माध्यम से प्रचार प्रसार कर की जाए एवं जनपद में आए सभी ड्रोन का उपयोग करते हुए नैनो उर्वरकों का छिड़काव कृषकों के खेत में अधिक से अधिक किया जाए ।

 इफको आर.जी.बी. सदस्य श्री उमेशधर दुबे ने भी केंद्रों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और इफको के दीर्घकालिक लक्ष्य ,सतत एवं लाभकारी कृषि की प्राप्ति में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया।

  इफको एमसी से श्री धर्मेश कुमार द्वारा पेस्टीसाइड के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई ।  कार्यक्रम में बिक्री केंद्र प्रभारी सहित प्रगतिशील किसानो ने प्रतिभाग किया ।

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