बलिया।शांभवी धाम कसेसर में श्रीमद्भागवत कथाभारत की सांस्कृतिक धारा समुद्र की तरंगों जैसी – वागीश जी महाराज
शांभवी धाम कसेसर में श्रीमद्भागवत कथाभारत की सांस्कृतिक धारा समुद्र की तरंगों जैसी – वागीश जी महाराज
संजीव सिंह बलिया। शांभवी धाम कसेसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास वागीश जी महाराज ने अपने अमृत वचनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा समुद्र की तरंगों के समान अनादि और अनंत है। जैसे तरंगों में उत्थान और पतन आता है, वैसे ही विश्व के सबसे प्राचीन राष्ट्र भारतवर्ष ने भी कभी विश्व गुरु का गौरव पाया तो कभी दासता में भी जकड़ा रहा, किंतु प्रभु की प्रेरणा से भारत ने सदैव आस्था और अध्यात्म से मुक्ति का मार्ग पाया है।उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और चौसठ कलाओं से सम्पन्न भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा ली है। आज समय की आवश्यकता है कि बच्चों को कार्टून पात्र ‘डोरेमॉन’ और ‘पेपा पिग’ की बजाय भगवान श्रीकृष्ण क...
