
ओडिशा में छात्रा की मौत के खिलाफ बवाल, ट्रेन और बस रोकी, आगजनी की, बाजार बंद
आठ विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन, सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकार छात्रा ने आत्मदाह करने का मामला।
भुवनेश्वर। ओडिशा में एक छात्रा की मौत के मामले को लेकर गुरुवार को पूरे राज्य में हंगामा देखने को मिला। सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकार छात्रा ने आत्मदाह किया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना के विरोध में कांग्रेस सहित आठ विपक्षी दलों ने मिलकर ओडिशा बंद का आह्वान किया। इसका असर पूरे राज्य में देखने को मिला।
प्रदर्शनकारियों ने भद्रक जिले में चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर टायर जलाकर जाम लगा दिया, जिससे सड़कों पर ट्रकों की लंबी कतारें लग गईं। भुवनेश्वर में बसों को रोक दिया गया, जिससे आम लोग खासा परेशान हुए और कई यात्रियों को पैदल ही घर जाना पड़ा। भद्रक में कुछ जगहों पर ट्रेनों को रोकने की कोशिश की गई। बाजार, बैंक, पेट्रोल पंप तक बंद रहे। कई जगहों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
कांग्रेस के साथ CPI(M), SUCI और अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मयूरभंज और अन्य जिलों में भी लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
घटना की बात करें तो 20 साल की छात्रा फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज, बालासोर में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की स्टूडेंट थी। छात्रा ने 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में खुद पर केरोसीन डालकर आग लगा ली थी। उसने पहले प्रिंसिपल से मिलकर शिकायत की थी, लेकिन बताया गया कि प्रिंसिपल ने उसे शिकायत वापस लेने को कहा। इसके बाद उसने यह कदम उठाया।
घटना के बाद छात्रा को पहले बालासोर जिला अस्पताल और फिर गंभीर हालत में AIIMS भुवनेश्वर रेफर किया गया। वहां 14 जुलाई को उसकी मौत हो गई। इसी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी भुवनेश्वर AIIMS में थीं। उन्होंने छात्रा से मुलाकात कर बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया था, लेकिन बाद में छात्रा जिंदगी की जंग हार गई।
पुलिस ने 12 जुलाई को ही आरोपी हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड किया, लेकिन विरोध बढ़ने पर 14 जुलाई को उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।
घटना के दौरान की कुछ तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें छात्रा आग की लपटों में भागती हुई दिखी थी। कैंपस में मौजूद कुछ छात्रों ने अपनी शर्ट उतारकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक वो गंभीर रूप से झुलस चुकी थी।
इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे राज्य में गुस्सा है। आम लोग, छात्र संगठन और राजनीतिक दल राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। मांग की जा रही है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए और कॉलेजों में लड़कियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
इस बीच, केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा – “बेटियां जल रही हैं, प्रधानमंत्री चुप हैं।”
इसी तरह की एक और घटना अरुणाचल प्रदेश में सामने आई है, जहां 11 जुलाई को एक युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। युवक पर आरोप था कि वह हॉस्टल में रह रही नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण कर रहा था। घटना के बाद रोइंग कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
ओडिशा में छात्रा की आत्महत्या से जुड़े मामले में अब सियासी हलचल और जनआक्रोश दोनों बढ़ते जा रहे हैं। सरकार को जहां जवाब देना पड़ रहा है, वहीं पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है। लोगों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द सजा मिले।

