
उत्तर प्रदेश में बारिश और बाढ़ से हालात बिगड़े, प्रयागराज-वाराणसी में नदियों ने घेरा; 4 जिलों में स्कूल बंद, 75 जिलों में अलर्ट।
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। गंगा और यमुना नदियों में बाढ़ की वजह से प्रयागराज और वाराणसी समेत कई जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रयागराज में गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण 15 से ज्यादा मोहल्ले पानी से घिर गए हैं। इन इलाकों में करीब 5 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि अंतिम संस्कार भी अब सड़कों पर किए जा रहे हैं क्योंकि श्मशान घाट जलमग्न हो चुके हैं।
वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान से महज 1.56 मीटर नीचे बह रही है। यहां सभी 84 घाट डूब चुके हैं और करीब 1,000 मंदिर पानी में समा चुके हैं। घाट किनारे बसे घरों और दुकानों में भी पानी घुस गया है। जिला प्रशासन ने मिर्जापुर, जौनपुर और सोनभद्र जिलों में स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। प्रयागराज में भी कई इलाकों के स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। जलभराव और तेज बारिश के चलते शिक्षण संस्थानों को खोलना संभव नहीं हो पा रहा।
मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए पूरे प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 26 जिलों में बहुत भारी बारिश और 49 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। तेज हवाओं और बिजली गिरने की संभावना भी जताई गई है। लोगों को सावधान रहने की अपील की गई है, खासकर खुले इलाकों और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचने की सलाह दी गई है।
बुधवार को लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी समेत 64 जिलों में औसतन 6.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश वाराणसी में हुई, जहां 31 मिमी पानी बरसा। इस साल 1 जून से 16 जुलाई तक यूपी में कुल 237.9 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य 229.4 मिमी से 4% अधिक है। यानी इस बार मॉनसून अब तक औसतन सही गति से चल रहा है, लेकिन कुछ जिलों में ज्यादा बारिश से स्थिति बिगड़ गई है।
सोनभद्र जिले में छत्तीसगढ़ और झारखंड की ओर से आ रहे पानी का असर कनहर बांध पर देखा जा रहा है। जलस्तर 255.900 मीटर तक पहुंचने के बाद बांध के 8 गेट खोल दिए गए हैं। इससे 3200.97 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड की दर से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
प्रयागराज में गुरुवार सुबह से ही तेज हवाओं के साथ बारिश जारी है। शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति बन गई है। जलजमाव की वजह से कई इलाकों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और दुकानें भी नहीं खुलीं। निरंजन डॉट पुल, प्रयागराज जंक्शन के सामने, नखासकोहना, हाईकोर्ट फ्लाईओवर, अल्लापुर, दारागंज, मुट्ठीगंज और सिविल लाइंस जैसे इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है।
सहारनपुर जिले के बेहट तहसील में मझाड़ी नदी उफान पर है। नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है और ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे और काम पर जाने वाले लोग खासे परेशान हैं। प्रशासन की ओर से कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे लोगों में नाराजगी है।
वाराणसी, प्रयागराज और सोनभद्र जैसे शहरों के घाटों और आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। राहत शिविर बनाए गए हैं और नावों के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हालांकि, तेज बारिश और बहाव के कारण राहत कार्यों में भी रुकावटें आ रही हैं।
राज्य सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट पर रखा है। जिला प्रशासन, NDRF और SDRF की टीमें तैनात हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात पर नजर रखने और लोगों की मदद में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि किसी भी कीमत पर जनहानि न हो और राहत कार्यों में कोई लापरवाही न बरती जाए।
इस समय पूरे उत्तर प्रदेश में मौसम की मार झेल रही जनता को राहत की सख्त जरूरत है। अगले 2-3 दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है, ऐसे में प्रशासन की सक्रियता और आम लोगों की सतर्कता ही बड़ी हानि से बचा सकती है।

