Tuesday, December 16

प्रयागराज /आधीरात के बाद महाकुंभ में मची भगदड़ में 14 की मौत 50 से अधिक घायल होने का अनुमान 

आधीरात के बाद महाकुंभ में मची भगदड़ में 14 की मौत 50 से अधिक घायल होने का अनुमान 

श्रद्धालुओं की एंट्री पर लगी रोक प्रशासन ने अभी नहीं जारी किया कोई बयान

प्रयागराज /जनपद में चल रहे महाकुंभ में बीती रात करीब डेढ़ बजे मची भगदड़ में काई श्रद्धालुओं की मौत और बड़ी संख्या में घायल होने की सूचना मिल रही हालांकि अभी प्रशासन द्वारा कोई बयान नहीं जारी किया है मृतकों का 14 का आंकड़ा स्वरूपरानी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे शवो को देखकर लगाया जा रहा है वही इस अस्पताल में करीब 50 लोग घायल अवस्था में पहुंचे है मृतकों का आंकड़ा इससे ऊपर पहुंच सकता है । भगदड़ के बाद आम श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगा दी गई है ।

इसके साथ ही प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। इसके बाद अखाड़ों ने बैठक की। जिसमें तय हुआ कि 10 बजे के बाद अमृत स्नान करेंगे।

अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देख भगदड़ फैलने की अफवाह मच गई। संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।।हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।

भगदड़ के बाद देखने को मिला भयानक मंजर लोग अपनो के शवो भी पकड़े थे हाथ कही छूट न जाए

प्रयागराज में कुंभ में देर रात मची भगदड़ के बाद जो मंजर था वह बहुत ही भयावह था चारों ओर कपड़े और चप्पलें बिखरी पड़ी थी लोग उनमें से अपनों को ढूंढ रहे थे यहां तक कि लोग भगदड़ में मारे गए लोगों के शवो का भी हाथ पकड़े हुए थे कि कही उनके अपने की लाश खो न जाए प्रतिशदर्शियों के अनुसार जब भगदड़ मची उनके पूरे परिवार भीड़ के कदमों के नीचे दब गए मदद के लोग चिल्ला रहे थे लेकिन मदद करने वाला कोई नहीं था शासनिक प्रशासनिक कोई मदद नहीं मिल रही अपने लोगो को अपनी आंखों के सामने दबते और मरते देख रहे थे लेकिन कुछ कर नहीं सकते थे । फिलहाल शासन और प्रशासन कोई भी दावा करे लेकिन अव्यवस्थाओं की पोल खोलने का काम इस भगदड़ ने कर दिया है जिसको लेकर विपक्ष भी मौजूदा सरकार पर हमलावर होता दिख रहा है ।

स्थित काबू में अफवाहों में न आए योगी

सीएम योगी ने कहा- प्रयागराज में आज 8-10 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। कल लगभग 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुंभ का स्नान किया था। श्रद्धालुओं के संगम नोज पर जाने से भारी दबाव बना हुआ है। रात 1-2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेड्स को फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं। श्रद्धालुओं को स्नान कराने के लिए प्रशासन तैयार है। पीएम मोदी 4 बार श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी ले चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी श्रद्धालुओं के बारे में लगातार जानकारी ले रहे हैं।

प्रयागराज में वर्तमान में हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन भीड़ का दबाव बहुत बना हुआ है। संतों के साथ भी मेरी बात हुई है। उन्होंने बड़ी विनम्रता से कहा है कि पहले श्रद्धालु स्नान करके निकल जाएंगे, उसके बाद ही हम लोग संगम स्नान के लिए जाएंगे। सभी अखाड़े इसके लिए सहमत हैं।।लोगों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। संयम से काम लें। यह आयोजन लोगों का है और प्रशासन उनकी सेवा के लिए तत्पर है। सरकार हर प्रकार का सहयोग देने के लिए मजबूत तरीके से काम कर रही है। आवश्यक नहीं है कि संगम नोज की तरफ ही आएं। 15-20 किलोमीटर के दायरे में अस्थाई घाट बनाए गए हैं, आप जहां हैं, वहीं पर स्नान करें।

विश्वस्तरीय व्यवस्था’ के दावों की खुल गई पोल : अखिलेश

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।

आधी अधूरी व्यवस्था के वीआईपी मूवमेंट प्रबंधन से ज्यादा प्रचार का परिणाम : मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोगों के घायल होने का समाचार बेहद हृदय विदारक है। श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं। आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा स्व प्रचार पर ध्यान देना और बद इंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है। हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है। अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बचे हैं, तो केंद्र और राज्य सरकारों को अब चेत जाना चाहिए, और व्यवस्था को सुधारना चाहिए ताकि आगे ऐसी अप्रिय घटनाएँ न हों। श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा व मूवमेंट आदि की व्यवस्था में विस्तार करना चाहिए और वीआईपी मूवमेंट पर लगाम लगानी चाहिए। यही हमारे साधु संत भी चाहते हैं कांग्रेस के हमारे कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि पीड़ितों को हर संभव मदद करें।

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