राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के कुल 139518 वादों का निस्तारण किया गया।
शाहजहांपुर। योगेंद्र यादव
राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन कुल 08 पुराने वादों का निस्तारण किया गया। प्राचीनतम श्रेणी के वादो में अपर सिविल जज सी0डि0/ए0सी0जे0एम कक्ष संख्या 20 श्रीमती अवंतिका प्रभाकर द्वारा वर्ष 1993 के (बत्तीस वर्ष) पुराने के 03 वाद, वर्ष 1996 के (29 वष) पुराना 01 वाद, सिविल जज जू0डि0 कोर्ट संख्या 18 श्रीमती हिना कौसर द्वारा वर्ष 2012 (तेरह वर्ष) पुराने 01 वाद, सिविल जज जू0डि0 तिलहर श्री सुमित गुप्ता प्रथम द्वारा पाॅच वर्ष पुराने 03 वादों का निस्तारण किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला कारागार के बंदीगण, राजकीय बालगृह (षिषु एवं बालक) द्वारा हस्त निर्मित उत्पादों की स्टाॅल लगाकर प्रदर्षनी लगाई गयी।
न्यायालय में विचाराधीन वादों में जनपद एवं सत्र न्यायाधीष विष्णु कुमार शर्मा द्वारा 03 फौजदारी वादों का निस्तारण किया गया।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण शाहजहाॅपुर के पीठासीन अधिकारी श्री मोहम्मद रिजवान द्वारा मोटर यान दुर्घटना से संबंधित कुल 83 वादों का निस्तारण कर अंकन 57134400 रूपये प्रतिकर धनराशि के रूप में दिलाये जाने का आदेष पारित किया गया।
पारिवारिक न्यायालय षाहजहाॅपुर द्वारा 12 वैवाहिक जोड़ों के मध्य विवाद को सुलझाते हुये उन्हे साथ रहने को राजी कर उनका विवाद समाप्त कराया गया।
प्रधान न्यायाधीष पारिवारिक न्यायालय नरेन्द्र कुमार तृतीय द्वारा 30 फौजदारी वाद व 23 वैवाहिक व अपर प्रधान न्यायाधीश यासमीन अकबर द्वारा 13 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देषानुसार आज दिनांक 13.12.2025 दिन षनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन मुख्य अतिथि प्रशासनिक न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद दीपक वर्मा की अध्यक्षता में जनपद न्यायाधीष/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विष्णु कुमार शर्मा की उपस्थिति में किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ओम प्रकाश मिश्र-तृतीय द्वारा जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के कुल 139518 वादों का निस्तारण हुआ। इसमें विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन कुल 12336 वादो के निस्तारण उपरान्त 67178184/-रू0 धनराषि का जुर्माना वसूल किया गया। इसके अतिरिक्त विभिन्न राजस्व न्यायालयों द्वारा
120783 राजस्व वादों का निस्तारण किया गया। आॅनलाइन चालानी से सम्बन्धित 5078 मामलों का निस्तारण कराते हुये कुल 1178400/-रू0 षमन षुल्क वसूल किया गया। इसके अतिरिक्त विभिन्न बैकों के लोन रिकवरी से सम्बन्धित 1317 प्री-लिटिगेषन वादों का निस्तारण कराते हुये कुल 91571700/- रू0 धनराषि के ऋण खातों का समझौता कराया गया।
न्यायालय में विचाराधीन वादों में जनपद एवं सत्र न्यायाधीष विष्णु कुमार शर्मा द्वारा 04 फौजदारी वादों का निस्तारण किया गया।
नेहा आनन्द अपर जिला जज ई0सी0 एक्ट द्वारा 270 विद्युत वादों का निस्तारण किया गया। ज्योति अग्रवाल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 3114 आपराधिक वादों का निस्तारण करते हुये कुल 285400/-धनराषि का जुर्माना वसूल किया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम प्रतिभा प्रथम, द्वारा 648 अपर सिविल जज सी0डि0 ए0सी0जे0एम0 द्वितीय मनीष कुमार सिंह द्वारा 649, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय, सौरभ कुमार गौतम द्वारा 720, अपर सिविल जज सी0डि0/ए0सी0जे0एम0 अवतिका प्रभाकर द्वारा 358, अपर सिविल जज जू0 डि0 अभिषेक कुमार प्रथम द्वारा 216, अपर सिविल जज जू0डि0 कोर्ट संख्या 31 वर्तिका पटेल 514, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय अम्बेश कुमार पाण्डेय द्वारा 418, न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय अवतिका त्रिपाठी द्वारा 124, सिविल जज जूडि0 तिलहर सुमित गुप्ता प्रथम द्वारा 1059, सिविल जज जू0 डि0 जलालाबाद अभय कुमार सिंह द्वारा 502, अपर सिविल जज जू0 डि0 तिलहर सचिन नयाल द्वारा 1527, न्यायिक मजिस्ट्रेट पुवायाॅ पारस यादव द्वितीय द्वारा 1968 वादों का निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त समस्त न्यायिक अधिकारीगण ने अपने अपने न्यायालय में विभिन्न प्रकार के वादों का निस्तारण किया गया।
इसके पूर्व राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रशासनिक न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद दीपक वर्मा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष विष्णु कुमार शर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीष , मोहम्मद रिजवान अहमद, पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, नरेन्द्र कुमार तृतीय, प्रधान न्यायाधीष परिवार न्यायालय, सुदीप कुमार जायसवाल अपर जिला जज/नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ मिलकर अन्य न्यायिक अधिकारीगण, बैंक अधिकारीगण, अधिवक्तागण व कर्मचारीगण की उपस्थिति में माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति द्वारा लोक अदालत का महत्व समझाते हुये न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण को बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत दीवानी, आपराधिक और पारिवारिक विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिये एक मंच प्रदान करती है, जिससे सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा मिलता है। यह सत्र न्याय व्यवस्था की सुलभता और दक्षता में सुधार लाने के व्यापक राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा था। यह आयोजन सफल रहा और कई मामलों का निपटारा हुआ, जिससे पारंपरिक अदालतों पर दबाव कम करने और त्वरित एवं निष्पक्ष न्याय प्रदान करने में लोक अदालत की भूमिका स्पष्ट होती है। उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीष/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ओम प्रकाश मिश्र-तृतीय द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह में जिला एवं सत्र न्यायाधीष द्वारा उपस्थित अधिकारीगण को सम्बोधित करते हुये उन्हे लोक अदालत का महत्व व उद्देष्य साझा किया व सभी को अधिकाधिक संख्या में वादों के निस्तारण हेतु प्रोत्साहित किया।
उनके द्वारा जनपद न्यायालय परिसर में जिला कारागार के बंदीगण के द्वारा निर्मित व राजकीय बालगृह (शिशु एवं बालक) के बालकों द्वारा तैयार किये गये विभिन्न उत्पादों की प्रर्दषनी/स्टाॅल का फीता काटकर उद्घाटन किया गया। प्रदर्षनी स्थल पर अधिकारीगण का स्वागत अधीक्षक जिला कारागार जे0पी0 तिवारी , प्रर्दषनी व स्टाल में कारागार के बंदियों द्वारा तैयार कपड़े, बैग, पेन्टिग, बेकरी उत्पाद, पूजा उत्पाद व गमले प्रदर्षित किये गये। इसके अतिरिक्त राजकीय बालगृह बालक के बच्चों द्वारा गुलदस्ता, गणेष जी मूर्ति, चिड़िया, षीषा (बड़े) सिनरी मेजपोष आदि के स्टाॅल लगाये गये। स्टाल में प्रदर्षित समानों को उपस्थित समस्त न्यायिक अधिकारीगण व अन्य लोगों द्वारा सराहना की गयी तथा इस अवसर पर इच्छुक व्यक्तियों द्वारा प्रर्दषित उत्पादों को क्रय भी किया गया। माननीय प्रशासनिक न्यायामूर्ति द्वारा बंदियों, बच्चों द्वारा बनाये गये उत्पादों की सराहना की व भविश्य में भी इस तरह के उत्क्रम करने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण षाहजहाॅपुर को निर्देषित किया। तदोउपरान्त उनके द्वारा विभिन्न बैकों के स्टाल पर जाकर उपस्थित प्रबन्धकगण व अन्य कर्मचारीयो का उत्साह वर्धन किया गया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्टाॅफ व पैरालीगल वालन्टियर का विशेष सहयोग रहा।

