Tuesday, December 16

धर्म

आजमगढ़।बसंत पंचमी 2025 कब और कैसे मनाया जाता है

आजमगढ़।बसंत पंचमी 2025 कब और कैसे मनाया जाता है

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश, धर्म
बसंत पंचमी 2025 कब और कैसे मनाया जाता है आजमगढ़।भारतीय सनातन धर्म में बसंत पंचमी को शिक्षा का महा पर्व माना गया है। प्राचीन काल से ही भारत देश या अपितू पुरे विश्व में में इस दिन नए कार्यों का शुभारंभ कीया जाता है बच्चों का उपनयन संस्कार भी होता था। इस दिन गुरुकुलों में शिक्षा देने की शुरूआत की जाती थी। यही कारण है कि इस दिन ज्ञान, बुद्धि और कला की आधिष्ठात्री मां सरस्वती की पूजा की जाती है। नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फुलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की बसंत पंचमी प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत को आती है। इस बार बसंत पंचमी रेवती नक्षत्र,शिद्ध योग कौलव करण मीन राशि चन्द्रमा तथा कई शुभ योग बन रहे हैं जिनमें पूजा का प्रारंभ करना बहुत ही शुभकारी माना जाता है । भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार 4 शुभ योग बने हैं बसंत पंचमी प...
प्रयागराज।महाकुंभ में विश्व कल्याण के लिए हुआ 23वां सहस्रचंडी यज्ञ, 111 आचार्यों ने किए दुर्गा सप्तशती के 1001 पाठ।

प्रयागराज।महाकुंभ में विश्व कल्याण के लिए हुआ 23वां सहस्रचंडी यज्ञ, 111 आचार्यों ने किए दुर्गा सप्तशती के 1001 पाठ।

उत्तर प्रदेश, धर्म
महाकुंभ में विश्व कल्याण के लिए हुआ 23वां सहस्रचंडी यज्ञ, 111 आचार्यों ने किए दुर्गा सप्तशती के 1001 पाठ उपेन्द्र पांडे/विजय कुमार मिश्रा।सत्य रथ  प्रयागराज।महाकुंभ 2025 में झूंसी के हवेलियां में सहस्त्र चंडी यज्ञ का आयोजन किया गया. 111 आचार्यों ने दुर्गा सप्तशती के 1001 पाठ किए. झूंसी के संगम किनारे स्थित तपोवन में 18 जनवरी से आयोजित इस सहस्र चंडी पाठ के बाद दुर्गा सप्तशती के 1 पाठ से हवन कराया गया. हवन के बाद हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। हवन में देशभर से आए गणमान्य व्यक्तियों व श्रद्धालुओं ने आहुति डाली. इसके बाद भंडारे में 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। दुर्गा सप्तशती के 1 पाठ से हुआ हवन  ज्योतिषाचार्य एचके शुक्ला के नेतृत्व में 111 आचार्यों ने रविवार काे दुर्गा सप्तशती के 1000 पाठ होने के बाद हवन करवाया. हवन सप्तशती के 13 अध्यायों से विधिवत कराया गया. हवन ...
आजमगढ़।ज्योतिष सिद्धार्थ के अनुशार महाकुम्भ का रहस्य और मानव जीवन से सम्बन्ध।

आजमगढ़।ज्योतिष सिद्धार्थ के अनुशार महाकुम्भ का रहस्य और मानव जीवन से सम्बन्ध।

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश, धर्म
ज्योतिष सिद्धार्थ के अनुशार महाकुम्भ का रहस्य और मानव जीवन से सम्बन्ध। आजमगढ़।भगवान ब्रह्मा ने भारत वर्ष के चार तीर्थस्थल में अमृत रसायन डालने का आदेश देवगुरु बृहस्पति को दिया, साक्षी बने सूर्य और चन्द्र ,प्रश्न यह है कि ब्रह्मा ने गुरु को क्यों आदेश दिया और साक्षी सूर्य और चन्द्र ही क्यो बने । और इसका मानव जीवन से क्या सम्बन्ध है। मानव शरीर में इडा और पिंगला का सम्बन्ध चन्द्र और सूर्य से है। बायी ओर जो इडा नाड़ी है , वह पीत है,और चन्द्र स्वरुपिडी है। दक्षिण की ओर जो पिंगला है,यह सूर्य स्वरुपा पुंरुपा है - वामगा या इडा नाड़ी शुक्ल चन्द स्वरुपिडी , शक्ति रुपा हि सा देवी साक्षादमृतविग्रहा । दक्षे तु पिंगला नाम पुंरुपा सूर्य विग्रहा, रौद्रात्मिका महादेवी दाडिमीकेसरप्रभा ।। और यह अंडकोष से सम्बंधित और सुषुम्ना से संयुक्त दाहिने कन्धे के जोड के निकट से जाने वाली धनु के समान हृदय पर झुलती रहती ...
सम्भल।भारत की सबसे ऊंची विशाल भगवान श्री राम की 51 फिट से अधिक ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा।

सम्भल।भारत की सबसे ऊंची विशाल भगवान श्री राम की 51 फिट से अधिक ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा।

उत्तर प्रदेश, धर्म, संभल
भारत  की सबसे ऊंची विशाल भगवान श्री राम की 51 फिट से अधिक ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा। संभल।यूपी के पौराणिक जनपद संभल को प्राचीन धार्मिक स्वरूप में वापस लाए जाने की कवायद लगातार जारी है ।वहीं जिला प्रशासन पौराणिक शहर संभल और धार्मिक नगरी के तौर पर प्रख्यात धार्मिक नगरी चंदोसी को प्राचीन स्वरूप प्रदान किए जाने के लिए खास तौर पर प्रयासरत है ।जिला प्रशासन के इन प्रयासों को देखते हुए अब धार्मिक संस्थाएं भी शहर के धार्मिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए पहल कर रही है । इसी पहल के तहत धार्मिक नगर चंदोसी की धार्मिक संस्था रामबाग धाम ट्रस्ट के द्वारा चंदोसी में उत्तर भारत की सबसे ऊंची विशाल भगवान श्री राम की 51 फिट से अधिक ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा है .भगवान श्री राम की प्रतिमा का निर्माण अंतिम चरण में है । चंदोसी में भगवान श्री राम की विशाल प्रतिमा के निर्माण की जानकारी होने प...
आजमगढ़।आईए जानते इस बार मकर संक्रांति 2025 कब और कैसे मनाया जाएगा

आजमगढ़।आईए जानते इस बार मकर संक्रांति 2025 कब और कैसे मनाया जाएगा

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश, धर्म
आजमगढ़।आईए जानते इस बार मकर संक्रांति 2025 कब और कैसे मनाया जाएगा उपेन्द्र कुमार पांडेय  आजमगढ़।भारतीय सनातन धर्म में संक्रांति का बहुत महत्व है इस वर्ष मकर संक्रांति पर अद्भुत संयोग बनने जा रहा है जब सूर्य ग्रह धनु राशि से निकालकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। भारतीय के पंचांग के अनुसार इस वर्ष यह पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फूलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल* ने बताया की इस वर्ष मकर संक्रांति पर जो अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। यह संयोग लगभग 19 साल बाद बनने जा रहा है  शुभ योग और मुहूर्त 14 जनवरी 2025 को माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाएगी। माघ में पड़ने से विशेष महत्व पूर्ण हो गयी है मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर ...
आजमगढ़।आईए जानते हैं महाकुंभ के विशेष जानकारी-भूपेंद्रानंद जी महाराज

आजमगढ़।आईए जानते हैं महाकुंभ के विशेष जानकारी-भूपेंद्रानंद जी महाराज

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश, धर्म
आईए जानते हैं महाकुंभ के विशेष जानकारी-भूपेंद्रानंद जी महाराज उपेन्द्र कुमार पांडेय  आजमगढ़।इस वर्ष महाकुम्भ मेला 13जनवरी 2025 से 26फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन तक चलेगा, महाकुम्भ का अर्थ- कुम्भ का अर्थ घडे से लिया जाता है, वैदिक ग्रन्थों में इसका अर्थ जल (अमृत )के विषय में है। मेला शब्द का अर्थ - किसी एक स्थान पर मिलना ,या साथ चलना ,या विशेष रुप से सामुदायिक उत्सव में उपस्थित होना, यह अमरत्व का मेला है। कहा -कहा लगता है- प्रयाग (त्रिवेणी) 2-हरिद्वार (गंगा) 3-उज्जैन (शिप्रा )३-नासिक ( गोदावरी) सूर्य चन्द्र और बृहस्पति की जब युति होती है ,तब महाकुम्भ लगता है। जब वृष के बृहस्पति होते है तब माध मास मे प्रयागराज में महाकुम्भ लगता है, ब्रह्मा के द्वारा चार तीर्थ जल में अमृत डालने का आदेश देव गुरु बृहस्पति को दिए थे ,और इसके साक्षी सूर्य और चन्द्रमा बने ,इसीलिए जब सूर्य चन्द्र की जब भी य...
जौनपुर।भरत जैसे भाई का चरित्र,लक्ष्मण जैसी सेवा और हनुमान जी जैसी भक्ति अतुलनीय।

जौनपुर।भरत जैसे भाई का चरित्र,लक्ष्मण जैसी सेवा और हनुमान जी जैसी भक्ति अतुलनीय।

उत्तर प्रदेश, धर्म
भरत जैसे भाई का चरित्र,लक्ष्मण जैसी सेवा और हनुमान जी जैसी भक्ति अतुलनीय। राजतिलक के साथ हुआ राम कथा का विश्राम। जौनपुर/महराजगंज।क्षेत्र के सवंसा हनुमान मंदिर में श्री राम कथा का समापन राजतिलक के साथ बड़े ही धूमधाम से हुआ कथा के अंतिम दिन काशी की धरती से पधारे कथा व्यास स्वामी नीरजानन्द शास्त्री ने कहा कि मन सुख और दुख के बंधन से मुक्त है और मन को वश में करने वाला व्यक्ति महामानव कहा जाता है।भरत जैसे भाई का चरित्र,लक्ष्मण जैसी सेवा और हनुमान जी जैसी भक्ति अतुलनीय है।यही सभी को अपने चरित्र में उतारना चाहिए।मन और मन को बस में करने वाला मनुष्य महामानव कहा जाता है।मन के वश में रहने वाला मनुष्य आध्यात्मिक मार्ग से भटक जाता है।मन के जीते जीत है।मन के हारे हार।ऐसे में हमें चतुराई से मन को बस में करना पड़ता है। भगवान या भगवान के संत के सहारे अपने बुरे संकल्पों विकल्पों को मिटाकर हम अपने मन को ईश...
पीठाधीश्वर श्री ललितेश्वरानंद महाराज ने किया इंद्रेश जी का सम्मान

पीठाधीश्वर श्री ललितेश्वरानंद महाराज ने किया इंद्रेश जी का सम्मान

धर्म, बदायूं
कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर झूम कर नाचे भक्त वृंदावन से पधारे रसिक इंद्रेश जी ने किया राधा रानी का गुणगान पीठाधीश्वर श्री ललितेश्वरानंद महाराज ने किया इंद्रेश जी का सम्मान (आशुतोष शर्मा ) बदायूं/मथुरा। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की. इसका गायन करते ही सभी भक्त प्रेम रस से सराबोर हो गए, जय कन्हैया लाल के उद्घोष के साथ ही पूरा पंडाल वृंदावनमय होता प्रतीत हो रहा था। यह प्रेम रस की गंगा वृंदावन से पधारे रसिक श्री इंद्रेश महाराज जी के द्वारा नगर के प्राचीन रामलीला मैदान में लगातार बहाई जा रही है। इसके साथ बल्देव धाम दाऊजी मंदिर श्री बाला जी दरबार गुधनी के पीठाधीश्वर पूज्य श्री ललितेश्वरानंद जी महाराज ने कथा स्थल पहुंचकर कथा वाचक श्री इंद्रेश महाराज का फूल मालाओं एवं अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। प्राचीन रामलीला मैदान के तत्वाधान में विकास दिवस से वृंदावन से पधारे श्री इंद्रेश महार...
इंद्रेश महाराज की सात दिवसीय कथा का विश्राम आज   राधा कृष्ण की भक्ति में डूबा रहा पूरा शहर

इंद्रेश महाराज की सात दिवसीय कथा का विश्राम आज  राधा कृष्ण की भक्ति में डूबा रहा पूरा शहर

धर्म, बदायूं
इंद्रेश महाराज की सात दिवसीय कथा का विश्राम आज  राधा कृष्ण की भक्ति में डूबा रहा पूरा शहर श्री राधा रानी प्रेम सेवा समिति के तत्वावधान में हुआ कार्यक्रम बदायूं । विगत सात दिनों से बिसौली में श्री प्राचीन रामलीला मैदान पर वृंदावन से पधारे रसिक श्री इंद्रेश उपाध्याय जी की भागवत कथा का आज आखिरी दिन था। रोजाना की तरह आज भी पंडाल भक्तों से खचाखच भरा था। श्री राधा रानी प्रेम सेवा समिति के तत्वावधान में वृंदावन से पधारे रसिक श्री इंद्रेश महाराज जी ने कृष्ण कथा का भाव पूर्ण सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कंस वध, पूतना वध ,पंडरी नाथ भगवान की कथा के साथ-साथ कृष्ण गोपी संवाद का भी भावपूर्ण वर्णन किया। श्री महाराज जी ने सुनाया की महारास कोई प्रेम लीला नहीं बल्कि आत्मा से परमात्मा के मिलन का अनुठा क्षण है। जरासंध से युद्ध मैदान में भगवान पीठ दिखाकर भाग लिए इसलिए उनका नाम रणछौड़ दास पड़ा यह बात भी श्री म...
गोलू संदेश यात्रा ने मचाई अल्मोड़ा में धूम, गोलू देवता की जयकारों से गूंज उठा शहर

गोलू संदेश यात्रा ने मचाई अल्मोड़ा में धूम, गोलू देवता की जयकारों से गूंज उठा शहर

अल्मोड़ा, उत्तराखंड, धर्म
गोलू संदेश यात्रा ने मचाई अल्मोड़ा में धूम, गोलू देवता की जयकारों से गूंज उठा शहर अल्मोड़ा । गोलू संदेश यात्रा ने नगर में एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का माहौल बना दिया। इस यात्रा का आयोजन 'अपनी धरोहर' संस्था द्वारा किया गया, जो धारानौला, दुगालखोला, खत्याड़ी और सिद्धनौला से होते हुए अल्मोड़ा शहर तक पहुंची। इस भव्य शोभायात्रा का मुख्य मार्ग भैरवनाथ मंदिर से लेकर जाखन देवी मंदिर तक था, और यात्रा के दौरान गोलू देवता के रथ पर पुष्प वर्षा की गई। गोलू देवता के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रतीक यह यात्रा 5 नवंबर को शुरू होकर 19 नवंबर को अल्मोड़ा पहुंची। यात्रा के दौरान हजारों भक्तों ने हिस्सा लिया और गोलू देवता के जयकारे लगाए। इस दौरान विशेष रूप से महिलाएं पारंपरिक परिधान में यात्रा में शामिल हुईं, जिससे यात्रा का स्वरूप और भी भव्य हो गया। धार्मिक दृष्टिकोण से यह यात्रा कुमाऊं और गढ़वाल के बी...