
बसंत पंचमी 2025 कब और कैसे मनाया जाता है
आजमगढ़।भारतीय सनातन धर्म में बसंत पंचमी को शिक्षा का महा पर्व माना गया है। प्राचीन काल से ही भारत देश या अपितू पुरे विश्व में में इस दिन नए कार्यों का शुभारंभ कीया जाता है बच्चों का उपनयन संस्कार भी होता था। इस दिन गुरुकुलों में शिक्षा देने की शुरूआत की जाती थी। यही कारण है कि इस दिन ज्ञान, बुद्धि और कला की आधिष्ठात्री मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फुलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की बसंत पंचमी प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत को आती है। इस बार बसंत पंचमी रेवती नक्षत्र,शिद्ध योग कौलव करण मीन राशि चन्द्रमा तथा कई शुभ योग बन रहे हैं जिनमें पूजा का प्रारंभ करना बहुत ही शुभकारी माना जाता है । भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार 4 शुभ योग बने हैं
बसंत पंचमी पर बने ये हैं 4 अत्यन्त शुभ योग
भारतीय सनातन धर्म पंचांग के अनुसार इस बार बसंत पंचमी का त्योहार पर्व 03 फरवरी 2025 दिन सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना के लिए कई शुभ योग बने हैं।
सुबह सूर्योदय कालसे दोपहर 14.42 बजे तक का समय सर्वार्धिक शुभ माना गया है। इस समय की मां सरस्वती भगवती की विधिवत पूजा की जायेगी तो शुभकारी एवं कल्याणकारी होगा सोमवार के दिन पड़ेंने से अति शुभ हो गया है
सर्वार्थसद्धि योग
समस्त शुभ योगों में महत्वपूर्ण सर्वार्थसिद्धि योग इस बार बसंत पंचमी 02 फरवरी 2025 को दिन रविवार को दोपहर 11:53 मिनट से प्रारम्भ हो रही है जोकि 03 फरवरी 2025दिन सोमवार को सुबह 09:36 मिनट तक है बसन्त पंचमी का पूर्ण शुभ है 03 फरवरी 2025 को प्रातः काल सूर्योदय से लेकर दोपहर 14:42मिनट पूजा अर्चना करना शुभ है इस योग में किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत की जा सकता है।
सिद्ध योग
ज्योतिष के अनुसार पांचवे भाव के स्वामी लग्न में है सिद्ध योग का निर्माण होता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह भी एक बहुत ही शुभ योग माना गया है ।जब किसी विशेष दिन, तिथि तथा नक्षत्र का मिलन होता है तो उस योग को सिद्ध योग कहा जाता है। इस योग में शुरू किए गए सभी कार्यों में निस्संदेह सफलता मिलती है। अतः इसका विशेष महत्व है। इस बार बसंत पंचमी पर सिद्ध योग भी बन रहा है।
बसंत पंचमी पर कर सकते हैं ये कार्य प्रारंभ
वैसे तो यह पर्व त्योहार मां भगवती सरू के सौम्य तथा शिक्षा दायी स्वरूप की आराधना का पर्व है। फिर भी इस दिन किसी भी तरह का कार्य आरंभ किया जा सकता है। इस दिन आप निम्न कार्यों की शुरूआत कर सकते हैं।
किसी भी तरह के तंत्र-मंत्र अथवा धार्मिक अनुष्ठान की शुरूआत की जा सकती है।
यदि कोई नई विद्या सीखना चाहते हैं तो इस दिन उस विद्या की शुरूआत की जा सकती है।
आप बसंत पंचमी पर अपने गुरु से गुरु मंत्र या दीक्षा ले सकते हैं, उनकी पूजा कर सकते हैं।
कोई नया बिजनेस, व्यापार स्कूल कोचिंग आदि अथवा कुछ अन्य कार्य प्रारंभ करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं।

