
कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर झूम कर नाचे भक्त
वृंदावन से पधारे रसिक इंद्रेश जी ने किया राधा रानी का गुणगान
पीठाधीश्वर श्री ललितेश्वरानंद महाराज ने किया इंद्रेश जी का सम्मान
(आशुतोष शर्मा ) बदायूं/मथुरा। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की. इसका गायन करते ही सभी भक्त प्रेम रस से सराबोर हो गए, जय कन्हैया लाल के उद्घोष के साथ ही पूरा पंडाल वृंदावनमय होता प्रतीत हो रहा था। यह प्रेम रस की गंगा वृंदावन से पधारे रसिक श्री इंद्रेश महाराज जी के द्वारा नगर के प्राचीन रामलीला मैदान में लगातार बहाई जा रही है। इसके साथ बल्देव धाम दाऊजी मंदिर श्री बाला जी दरबार गुधनी के पीठाधीश्वर पूज्य श्री ललितेश्वरानंद जी महाराज ने कथा स्थल पहुंचकर कथा वाचक श्री इंद्रेश महाराज का फूल मालाओं एवं अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया।
प्राचीन रामलीला मैदान के तत्वाधान में विकास दिवस से वृंदावन से पधारे श्री इंद्रेश महाराज जी के द्वारा भागवत कथा चल रही है श्री इंद्रेश जी ने कृष्ण जन्म की लीलाओं का वर्णन अपनी मधुर कंठ से किया, उनके तजो रे मन बिमखन को मन भजन गाते ही भक्त नृत्य करने लगे और राधे-राधे गाने लगे। श्री महाराज जी द्वारा जय कन्हैया लाल की उद्घोष के साथ साथी पूरा पंडाल भक्ति रस में डूब गया। उन्होंने कहा कि मन को अगर शुद्ध रखना है तो नासि्तको का साथ छोड़ दो, रसिक जी ने बताया कि मानव के अंदर पांच ज्ञानेंद्रिय व पांच कर्मेंद्रियां होती है जो शुद्ध होती हैं। जिसे मन भटकाता रहता है , भगवान की भक्ति ही हमें पर लगा सकती है। इसके साथ ही महाराज जी ने भक्तों को ध्रुव और भक्त प्रहलाद की कथा का भी श्रवण कराया। इस भक्तिमय आयोजन में श्री बालाजी बल्देव धाम गुधनी खौंसारा के पीठाधीश्वर श्री ललितेश्वरानंद जी महाराज ने वृंदावन के रसिक इंद्रेश जी महाराज का सम्मान किया। इस भक्ति पथ के मौके पर श्री इंद्रेश महाराज जी ने श्री ललितेश्वरानंद जी को बहुत ही सरल और सहज स्वभाव का धनी बताया साथ ही कहा कि वह निस्वार्थ भाव से जन कल्याण और सनातन की रात दिन सेवा में लगे हुए हैं। इनके साथ श्री बाला जी धाम के प्रमुख सेवादार सुमित कुमार भी रहे।
आयोजन समीति एवं कथा श्रवण करने वालों में तहसीलदार विजय कुमार शुक्ला ,मनोज यादव, मुकेश शंखधार, अमित अग्रवाल, भावना अग्रवाल, सुरेंद्र अग्रवाल,प्रदीप, प्रमोद यादव, गुड्डू पाराशरी,बिपनेश मिश्रा, सुनीति मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे

