जिले में 12 से 24 मई तक चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन के तहत ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे
06-07 वर्ष के बच्चों की QFAT किट से होगी जांच, जनमानस से सहयोग की अपील
जौनपुर।जिले भर में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 12 मई से 24 मई 2025 तक ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (TAS) का आयोजन किया जाएगा। इस सर्वे का उद्देश्य पूर्व में चलाए गए सर्वजन दवा सेवन (MDA) कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना है ताकि यह तय किया जा सके कि भविष्य में दवा सेवन कार्यक्रम की आवश्यकता है या नहीं।
TAS के अंतर्गत राज्य स्तर से चयनित ग्रामों में 6 और 7 वर्ष की आयु के बच्चों में फाइलेरिया संक्रमण की जांच की जाएगी। इसके लिए भारत सरकार द्वारा प्रदत्त QFAT किट का उपयोग किया जाएगा। सर्वे को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए जिले को 19 ब्लॉक और अर्बन क्षेत्रों को मिलाकर कुल 12 मूल्यांकन इकाइयों (EU) में विभाजित किया गया है।
कार्यक्रम की तैयारी को लेकर 30 अप्रैल को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा, बाल विकास और पंचायती राज विभागों को स्वास्थ्य विभाग का सहयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
सर्वे से जुड़े सभी स्वास्थ्य कर्मियों — जैसे कि प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ, एएनएम, स्टाफ नर्स, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, बीएचडब्ल्यू और चिकित्सा अधिकारियों — का प्रशिक्षण 6 और 7 मई को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में तीन बैचों में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण डब्ल्यूएचओ के रीजनल कोऑर्डिनेटर डॉ. मंजीत सिंह चौधरी द्वारा प्रदान किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह ने कार्यक्रम की सफलता के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वहीं, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.सी. पंत और जिला मलेरिया अधिकारी श्री सुनील कुमार यादव ने सर्वे प्रोटोकॉल और तकनीकी पहलुओं पर जानकारी साझा की।
जिला मलेरिया अधिकारी ने निर्देश दिया कि सर्वे से पहले संबंधित गांवों और वार्डों में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जानकारी दें ताकि सर्वे टीम के पहुंचने पर बच्चे उपलब्ध रहें और जांच प्रक्रिया सुचारु रूप से सम्पन्न हो सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रभावशाली व्यक्तियों एवं समुदाय के सहयोग की अपील करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सामुदायिक भागीदारी से ही सफल हो सकता है। उन्होंने आमजन से अपने 6 व 7 वर्ष के बच्चों की जांच अवश्य कराने का आग्रह किया, जिससे समय पर संक्रमण की पहचान कर बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाया जा सके।
इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एन.के. सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव कुमार, फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी श्रीमती कंचन गुप्ता एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

