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बलिया की बेटी शक्ति दुबे बनीं देश की नंबर-1 आईएएस, यूपीएससी 2024 में टॉप कर रच दिया इतिहास

बलिया की बेटी शक्ति दुबे बनीं देश की नंबर-1 आईएएस, यूपीएससी 2024 में टॉप कर रच दिया इतिहास

 संजीव सिंह बलिया|UPSC ने सोमवार, 22 अप्रैल 2025 को सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया, जिसमें बलिया मूल की और प्रयागराज निवासी शक्ति दुबे ने देशभर में टॉप कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। शक्ति ने प्रथम रैंक प्राप्त कर न केवल अपने परिवार और शहर का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गईं।

मैंने कई सालों तक कड़ी मेहनत की” : शक्ति दुबे

अपने पहले स्थान को लेकर शक्ति दुबे ने कहा, “मैंने कई वर्षों तक निरंतर मेहनत की। आज जब परिणाम आया तो यकीन करना मुश्किल था। मेरे भाई ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि मैं टॉप करूंगी।”शक्ति के साथ ही हर्षिता गोयल ने दूसरा स्थान और डोंगरे अर्चित पराग ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। अन्य टॉपर्स में शाह मार्गी चिराग (4), आकाश गर्ग (5), कोमल पुनिया (6), आयुषी बंसल (7), राज कृष्ण झा (8), आदित्य विक्रम अग्रवाल (9) और मयंक त्रिपाठी (10) शामिल हैं।इस वर्ष कुल 1,009 उम्मीदवारों को चयनित किया गया है, जबकि रिक्तियों की संख्या 1,132 रही।

प्रयागराज में पली-बढ़ीं, बलिया से है संबंध

हालांकि शक्ति दुबे प्रयागराज में पली-बढ़ीं, लेकिन उनका मूल निवास बलिया जिले के रामपुर वाजिदपुर (दोकटी) गांव में है। उनके पिता मुन्ना दुबे वर्तमान में प्रयागराज में उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा के पद पर कार्यरत हैं। शक्ति चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं।उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और बीएचयू से बायोकैमिस्ट्री में एमएससी किया है। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद 2018 से सिविल सेवा की तैयारी में जुट गई थीं। बाद में दिल्ली जाकर उन्होंने तैयारी को नया आयाम दिया।

श्रमिक का बेटा बना आईपीएस – शकील अहमद की मिसाल

यूपीएससी 2024 का परिणाम कई प्रेरणादायक कहानियों से भरा है। शाहजहांपुर के तिलहर कस्बा निवासी शकील अहमद ने 506वीं रैंक हासिल कर आईपीएस बनने की राह तय की। उनके पिता हाजी तसब्बर हुसैन पहले मजदूरी कर परिवार चलाते थे। आज बेटा बुलंदियों पर पहुंचा है।शकील के संघर्ष की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देखता है।

जौनपुर के तीन होनहार भी हुए सफल

जौनपुर जिले से भी इस बार तीन अभ्यर्थियों ने यूपीएससी में सफलता पाई है:

आस्था सिंह (डोभी, कुशहा गांव) – 61वीं रैंक

-अभिषेक सिंह (बदलापुर, ढेमा गांव) – 78वीं रैंक (चौथे प्रयास में)

-गौतम सिंह (हुसेनाबाद) – 526वीं रैंक (दूसरे प्रयास में)

इनकी सफलता पर घरों में जश्न का माहौल है। क्षेत्रवासियों ने मिठाई बांटकर बधाई दी। इन सभी ने अपनी सफलता का श्रेय लगातार संघर्ष और मेहनत को दिया।

शक्ति दुबे की सफलता बनी बेटियों के लिए प्रेरणा

शक्ति की इस उपलब्धि से यह साबित हुआ है कि बेटियां भी किसी से कम नहीं। प्रयागराज में रहकर तैयारी करने वाली शक्ति का परिवार आज फूला नहीं समा रहा। उनके संबंधी और प्रयागराज के मुख्य कोषाधिकारी आनंद दुबे ने कहा, “हमें पहले से यकीन था कि शक्ति जरूर सफल होगी, लेकिन उसने टॉप कर दिया, ये हमारी उम्मीद से भी बढ़कर है।यूपीएससी 2024 का परिणाम एक बार फिर साबित करता है कि दृढ़ निश्चय, कठिन परिश्रम और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है — चाहे पृष्ठभूमि कैसी भी हो।शक्ति दुबे और अन्य सफल अभ्यर्थियों की कहानियाँ आज देश के हर कोने में युवाओं के लिए रोशनी की किरण बन चुकी हैं।

नंबर दो टापर रही हर्षिता गोयल

नंबर 2 पर हर्षिता गोयल रही हैं। हर्षिता मूल रूप से हरियाणा की हैं और कई वर्षों से गुजरात के वडोदरा में रह रही हैं। हर्षिता का जन्म हरियाणा में हुआ। इसके बाद परिवार गुजरात के वडोदरा आ गया। यहीं वो बड़ी हुईं। क्वालिफिकेशन से वो एक CA हैं। हर्षिता थैलेसीमिया और कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए अहमदाबाद के बीलीफ फाउंडेशन के साथ काम कर चुकी हैं। परीक्षा में राजनीति विज्ञान और इंटरनेशनल रिलेशंस उनके वैक्लपिक विषय थे।अर्चित पुणे (महाराष्ट्र) के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई से प्राप्त की और 12वीं की पढ़ाई पुणे से की। उन्होंने ने वीआईटी, वेल्लोर से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) की डिग्री ली है। उनका एक ऑप्शनल सब्जेक्ट फिलॉसफी (दर्शनशास्त्र) था।

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