
जब मनुष्य के पास ज्ञान की पूंजी होती है तो भगवान के पास जाता है परंतु जब प्रेम की पूंजी हो जाएगी तो भगवान स्वयं दौड़ते चले आएंगे। बोले राजन जी महाराज।
9 जुलाई से 13 जुलाई तक अगली राम कथा नैमिशारण्य सीतापुर में होगी।
शरद बिंद/भदोही।
भदोही।अभोली। अभोली ब्लॉक के गड़ौरा मेला की बारी में सोमवार को कथा के तीसरे दिन प्रख्यात कथावाचक राजनजी महाराज के द्वारा राम कथा का रोचक वर्णन किया गया जिसमें प्रभु श्री राम की जन्मकथा
महाराजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया। महाराज दशरथ ने श्याम कर्ण घोड़े को चतुरंगिनी सेना के साथ छुड़वाने का आदेश दिया। महाराज ने समस्त मनस्वी, तपस्वी, विद्वान ऋषि-मुनियों तथा वेद विज्ञ प्रकाण्ड पण्डितों को बुलावा भेजा। वो चाहते थे कि सभी यज्ञ में शामिल हों। यज्ञ का समय आने पर महाराज दशरथ सभी आगंतुकों अपने गुरु वशिष्ठ जी समेत अपने परम मित्र अंग देश के अधिपति लोभ पाद के जामाता ऋंग ऋषि के साथ यज्ञ मण्डप में पधारे। फिर विधिवत यज्ञ शुभारंभ किया गया। यज्ञ की समाप्ति के बाद समस्त पण्डितों, ब्राह्मणों, ऋषियों आदि को यथोचित धन-धान्य, गौ आदि भेंट दी गई हैं और उन्हें सादर विदा किया गया।
यज्ञ के प्रसाद में बनी खीर को राजा दशरथ ने अपनी तीनों रानियों को दी। प्रसाद ग्रहण करने के परिणामस्वरूप तीनों रानियों गर्भवती हो गईं। सबसे पहले महाराज दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने एक शिशु को जन्म दिया जो बेहद ही कान्तिवान, नील वर्ण और तेजोमय था। इस शिशु का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इस समय पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य, मंगल शनि, वृहस्पति तथा शुक्र अपने-अपने उच्च स्थानों में विराजित थे। साथ ही कर्क लग्न का उदय हुआ था। फिर शुभ नक्षत्रों में कैकेयी और सुमित्रा ने भी अपने-अपने पुत्रों को जन्म दिया। कैकेयी का एक और सुमित्रा के दोनों पुत्र बेहद तेजस्वी थे। जिलाधिकारी विशाल सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी,देवेंद्र सिंह,मुन्ना तिवारी ,अमितेश शुक्ल, अर्पित सिंह, अखिलेश मिश्रा आदि लोग।
अवतार लेहली अवतार लेहली अवतार लेहली ।
जब जईसन पड़ल दरकार प्रभु जी अवतार लेहली ।
राजनजी महाराज ने जब भोजपुरी तर्ज पर इस भजन को सुनाया तो बीच पंडाल में महिलाएं युक्तियां और बच्चियों पुरुष सभी खड़े होकर भावविभोर भावपूर्ण में नाचने लगे।

