Tuesday, December 16

आजमगढ़:आईए जानते हैं चैत्र नवरात्र 2025 सम्वत 2062 कब और कैसे किया जाएगा।

आजमगढ़:आईए जानते हैं चैत्र नवरात्र 2025 सम्वत 2062 कब और कैसे किया जाएगा।

उपेन्द्र कुमार पांडेय 

आजमगढ़।सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। *नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फूलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल* ने बताया की नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त व्रत रखते हैं और विधि-विधान से माता रानी की पूजा करते हैं। प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है और अखंड ज्योति जलाई जाती है। वैसे तो नवरात्रि के हर दिन का बहुत महत्व होता है, लेकिन आखिरी के तीन दिन सप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। अष्टमी और नवमी पर घर-घर में पूजा, हवन, कन्या पूजन आदि धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। वहीं जो लोग नौ दिन का व्रत रखते हैं वे अष्टमी-नवमी पर इसका पारण करते हैं

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी कब

नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त व्रत रखते हैं और विधि-विधान से माता रानी की पूजा करते हैं। पहले दिन घटस्थापना की जाती है और अखंड ज्योति जलाई जाती है। *इस वर्ष 30 मार्च 2025 रविवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है

इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा*

माता रानी की विदाई हाथी पर होगी जो कि शुभ माना गया है

“माता रानी का हाथी पर आगमन शुभ माना जाता है और हाथी पर विदाई शुभ माना जाता है इसलिए समाज एवं देश के लिए बहुत ही शुभ फलदाई रहेगा”

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल के अनुसार 30 मार्च 2025को रेवती नक्षत्र ऐन्द्र योग मीन राशि में बुध सूर्य राहु चंद्र स्थिति रहेंगे जो कि शुभकारी है

कलश स्थापना- सुबह 06:12 मिनट से दोपहर 02:05मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:56 – दोपहर 12:46मिनट तक

चैत्र नवरात्रि अष्टमी तिथि

नवरात्रि के आठवें दिन महा अष्टमी मनाई जाती है और मां महागौरी की पूजा होती है। इस बार चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि 05 अप्रैल 2025 शनिवार को है मनाई जाएगी

चैत्र नवरात्रि की महानवमी 06 अप्रैल 2025 रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन देवी की नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साथ ही इसी दिन शंध्या काल में 06:10 बजे के बाद नवरात्रि व्रत का पारण भी किया जायेगा चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।

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