
डंडा लेकर मीरगंज बी आर सी केंद्र पर धरने पर बैठी महिला अनुदेशक बोली बिना रिश्वत के यहां नहीं होता काम
अशोक कुमार
बरेली / इस समय उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में रिश्वत का बोल वाला है बिना रिश्वत के कोई कर्मचारी काम को हाथ भी लगाता हालांकि पिछले ही कुछ दिनों में काई रिश्वत खोरों को एंटी करप्शन टीम द्वारा रंगों हाथों गिरफ़्तार भी किया जा चुका है लेकिन रिश्वत खोर है कि मानने का नाम नहीं लेते ताजा मामला जनपद बरेली के कस्बा मीरगंज का जहां शिक्षा विभाग में अनुदेशक के पद पर कार्यकर्ता एक महिला अपने ही बी आर सी केंद्र पर डंडा लेकर अकेले ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई उसका कहना है यहां बिना रिश्वत के कुछ काम नहीं किया जाता फिलहाल महिला अनुदेशक के इस फैसले ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है ।
धरने पर बैठी अनुदेशक सुनीता सिंह ने बताया कि हम रोज 15 मिनट विद्यालय में पहले आते हैं और छुट्टी में 15 मिनट बाद विद्यालय से जाते हैं। ऐसा कोई कार्य नहीं है जो शिक्षक करते हैं और हमसे नहीं कराया जाता है। इसके बावजूद भी बीआरसी केंद्र पर हमारा कोई काम नहीं होता काम के बदले हमसे रिश्वत मांगी जाती है। उसने कहा कि शिक्षक सचिन मुरारी शर्मा और अहमद खान हमसे कहते कि जब तक बीआरसी केंद्र पर गांधीजी नहीं मिलेंगे तब तक किसी का काम नहीं होगा । सचिन मुरारी शर्मा अपने विद्यालय के टीचर हैं और शिक्षक संघ के अध्यक्ष हैं जो कि समय-समय बीआरसी केंद्र पर बैठते हैं। और कभी-कभी विद्यालय के समय पर भी यहां पर आकर बैठते हैं।
उसने बताया कि वह चुराई दलपतपुर विद्यालय में कार्यरत हूं। मेरे लिए आवंटित विद्यालय बीएसए कार्यालय से हल्दी खुर्द नथपुरा और मुगरा अतिरिक्त विद्यालय आवंटित किए गए हैं। मैं सभी जूनियर की बालिकाओं के लिए प्रशिक्षण के लिए नियुक्त की गई थी।मैंने अपना सभी प्रशिक्षण समय से कर दिया और संबंधित आख्याएं प्रधानाध्यापक से लेकर बीआरसी केंद्र पर जमा कर दी तीन महीने के बाद भी मेरी आख्या बीएसए कार्यालय नहीं पहुंचाई गई। वहां से मुझे बार-बार फोन आ रहा है कि जब तक आपकी आख्या यहां नहीं आएगी। तब तक आपके लिए मिलने वाला ढाई हजार रुपए जो दिए जाते हैं। वह नहीं मिल पाएंगे बीआरसी केंद्र पर बार-बार कहने के बाद भी स्टाफ के लोग अपना काम ना कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी की भी बीआरसी केंद्र पर नहीं चलती है । उनके कहने के बाद भी उनकी आख्या अभी तक नहीं भेजी गई है ।31 जुलाई से यहां पर कागज जमा है तो अभी तक बीएसए कार्यालय क्यों नहीं पहुंचे हैं। जब मेरा काम मुझे ही करना है तो कार्यालय में बैठे स्टाफ के लोगों का क्या होगा मैं तीन-तीन चार-चार स्कूलों में जाकर बालिकाओं को प्रशिक्षण देती हूं जब तक मेरा संबंधित मानदेय अन्य विद्यालयों का मेरे खाते में नहीं आ जाता तब तक मैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी रहूंगी।

