Monday, December 15

सलखुआ बाजार स्थित मां दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की मन्नते होती है पूरी

सलखुआ बाजार स्थित मां दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की मन्नते होती है पूरी

विगत 60 वर्षो से सजती है सलखुआ में मां दुर्गा की दरबार

सहरसा। जिले के सलखुआ प्रखंड मुख्यालय के सलखुआ बाजार स्तिथ मां दुर्गा मंदिर भक्तो के आस्था का केंद्र है। यहां हर साल मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है। भक्तों की माने तो मां के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से पूजा अर्चना करते है। माता उनकी मन्नते पूरी करती है। लोगो का कहना कि पहले यहां मां दुर्गा की प्रतिमा नही बनती थी न ही दुर्गा मंदिर ही था।लोग अन्यत्र जगह जाकर माता का दर्शन करते थे। इसी बीच वर्ष 1964 से शुरू हुई है पूजा। बताया जाता है कि 1964 में सलखुआ प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में डॉ . उमाकांत चौधरी थे उन्हे दो पुत्री एवं एक दिव्यांग पुत्र था। उन्हें चौथा स्वस्थ्य संतान पुत्र के रूप में सलखुआ में ही जन्म लिया। उनकी मन्नते पूरी होने व आस्था के साथ उन्होंने पहली बार यहां मां दुर्गा एवं अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा बनवा एक पंडाल के अंदर स्थापित कर पूजा अर्चना की। तब से पूजा होने लगी। जिसके बाद ग्रामीणों के साथ मिलकर मां की प्रतिमा बनवा पूजा होने लगी। सलखुआ में मां दुर्गा की प्रतिमा सन 1964 से स्थापित की गई थी, तब से पूजा अब तक जारी है।

  60 साल से हो रही है मां दुर्गा की पूजा, यहां पूरी होती है भक्तों की मन्नते 

नवरात्रि का पवित्र महीना चल रहा है, महंत मिट्ठू दास उच्च विद्यालय सलखुआ मैदान में स्थित मां दुर्गा मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है, यहां हर साल मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है। और भक्तों की मन्नते पूरी होती है। जिस समय प्रतिमा स्थापित की गई थी, उस समय यहां मां दुर्गा का मंदिर नहीं बन सका था, जिसके बाद समाज के बुद्धिजीवियों के अथक प्रयास से 1968 में मंदिर का निर्माण कराया गया। जो बाद में कुछ कारण वश तोड़ दिया गया। बाद में काफी प्रयास से पुनः दुर्गा मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। जहां दो दिवसीय मेला का भी आयोजन किया जाता है।खासकर नवमी और दशमी के दिन सलखुआ में भक्तों की भारी भीड़ होती है। देवी मां के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। मंदिर में चुनरी चढ़ाने की परंपरा है। 

चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने मंदिर बनाने में हुआ सफल

सलखुआ स्थित दुर्गा मंदिर स्थाई नहीं रहने के कारण भक्तों को छोटी-छोटी जगहों पर पूजा करने में दिक्कत होती थी। ग्रामीणों ने भव्य दुर्गा मंदिर के निर्माण हेतु चन्दा जमा कर नये मंदिर के निर्माण की नींव रखी, जिसके कुछ साल बाद बुद्धिजीवियों के सहयोग से मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ। फिलहाल, मंदिर का काम पूरा होने पर है और इस मंदिर के निर्माण के प्रयास ने एकता और भाईचारे की मिसाल कायम की है। यह सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में जल्द ही महिषासुरी माता के साथ गणेश, लक्ष्मी ,सरस्वती, कार्तिके, भोले शंकर एवं हनुमान जी की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित होने वाली है जो अंतिम चरण में है।

हालांकि इस साल भी पूजा मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर की जा रही है। पहली पूजा से लेकर दसवीं पूजा तक शाम के समय दीपक जलाने के लिए विशेषकर महिलाओं की भारी भीड़ जुटती है। अष्टमी को खोयछा भरने के लिए श्रद्धालु महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ती है,नवमी और दशमी को यहां पूजा के अलाव भव्य मेला लगता है। जिसमे अच्छे अच्छे कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते रहे हैं। वैसे यहां का दशहरा मेला कोव्वली के शानदार मुकाबला के लिए विख्यात है। यहां के रंगमंच पर जाने माने कव्वाल शिरकत कर चुके हैं इसबर भी बेंगलूर एवं सिलीगुड़ी के क्व्वालो का शानदार मुकाबला होगा। मूर्ति बनाने के लिए भी कलकत्ता, मुंगेर, तारापुर, मानसूरचक, कल्याणपुर, समस्तीपुर आदि जगहों से मूर्तिकारों को बुलाया जाता है। सलखुआ में दुर्गा पूजा के संस्थापित सदस्यों में डॉ उमाकांत चौधरी, हेडमास्टर रामपुकर सिंह, बाबा सुग्रीव शरण भगत , मुखिया पंचानंद यादव, पुष्पलाल मंडल, रामेश्वर यादव नेताजी, सरपंच श्यामसुंदर यादव, जयप्रकाश यादव, बालकृष्ण भगत स्मीर्तिशेष हो चुके है।

मेला व पूजा अर्चना के दौरान ग्रामीणों का रहता है सराहनीय योगदान 

 

वही इन दिनों माता के पूजा अर्चना एवं मेला के संपन्न कराने में भाकपा नेता ओम प्रकाश नारायण, वीआईपी नेता मिथिलेश विजय,राजद के जिला उपाध्यक्ष विनोद यादव, पूर्व प्रमुख अशोक यादव, सर्वेश साह, पवन यादव, लुटकुन यादव, दिनेश चौधरी, मुखिया रणवीर यादव, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष दिनेश यादव,भाजपा के मंडल अध्यक्ष जैनेंद्र कुमार उर्फ वीरेंद्र यादव, मिथिलेश भगत, ललन यादव, मनोज यादव, रंजीत यादव, केसरी कुमार,अधिवक्ता वसंत कुमार यादव,अशोक मंडल, जदयू नेता देवेंद्र कुमार, रोहित कुमार बब्बू, पप्पू, संजय साह, नंदकिशोर निराला, वशिष्ठ नारायण, डा दीपक कुमार, उमा शंकर सोनी, मंटून सोनी, मिथिलेश जायसवाल, अशोक यादव, शैलेंद्र यादव, अंजीत यादव, रूपेश यादव, डा मिथिलेश,राजीव रंजन पप्पू, नरेश भगत, उप मुखिया प्रतिनिधि रणवीर यादव, फोटो यादव, भरत यादव, दलीप यादव सहित अन्य युवकों का सहयोग सराहनीय बताया जाता है

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