
श्री अन्न मिलेटस गोष्ठी और मेले में शामिल हुए वित्त मंत्री और सहकारिता मंत्री
शाहजहांपुर/ उत्तर प्रदेश श्री अन्न मिलेटस पुनरोद्वार कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय जनपद स्तरीय मिलेट्स मेला सह प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन गन्ना शोध परिषद में किया गया जिसमे मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश सरकार में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना व विशिष्ठ अतिथि के तौर पर सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर सांसद अरुण कुमार सागर मौजूद रहे इस दौरान वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में नए युग में चलन से बाहर हो चुके मोटे अनाज जिसे प्रधानमंत्री ने श्री अन्न का नाम देकर उसका पुनरोद्वार करवा कर देश की नई पीढ़ी को बलवान और किसान की आय का स्रोत बड़ाने वाला बताया कार्यक्रम के आयोजक जनपद की मुख्य विकास अधिकारी अपराजिता सिंह व कार्यक्रम का संचालन कृषि उपनिदेशक धीरेंद्र सिंह ने किया इस दौरान मेले में आए दूर दराज के किसानो ने मेले में कई प्रकार की जानकारियां प्राप्त की।
मीडिया से बात करते हुए वित्तमंत्री ने कहा की
श्री अन्न (मिलेट्स) छोटे बीज वाले वार्षिक फसलो का समूह है, जिसे अनाज वाली फसलो के रूप में उगाया जाता है। मिलेट्स को प्रायः मोटा अनाज या सुपर फूड भी कहा जाता है। इनके पोषण में महत्व को देखते हुए मिलेट्स को न्यूट्री- मिलेट्स अथवा न्यूट्री- सीरिअल भी कहा जाता है। उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स को “श्री अन्न” कहा गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट क्रॉप वर्ष घोषित किया है। भारत के नेतृत्व में, पूरी दुनिया वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रही है।मिलेट्स की लगभग सभी फसल वर्षा आधारित है, जो कम खर्च और कम पानी में उगाई जा सकती है। सीमांत एवं लघु कृशक कम उपजाऊ, बंजर भूमि, कम पानी में भी इसका उत्पादन कर सकते हैं। मिलेट्स का उपयोग जितना बढ़ेगा, भोजन में उतने ही अधिक पोषक तत्व मिलेंगे, जिससे लोगों को फायदा होगा। अगर दुनिया में मिलेट्स का उपयोग बढ़ेगा, तो प्रसंस्करण बढ़ेगा, निर्यात बढ़ेगा, जिससे छोटे किसानों को लाभ होगा और अंततः उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी।
सहकारिता मंत्री ने अपने संबोधन में कहा की श्री अन्न (मिलेटस) विश्व में एशिया और अफ्रीका में लगभग 59 करोड़ लोगों का पारंपरिक भोजन है। इसकी खेती 131 देशों में की जाती है। विश्व में श्री अन्न में बाजरा के उत्पादन में भारत का प्रथम एवं ज्वार उत्पादन में भारत का चौथा स्थान है। उत्तर प्रदेश में मिलेटस के अन्तर्गत ज्वार, बाजरा, कोदो एवं सांवा की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। प्रदेश में मिलेट्स की विभिन्न फसलों में बाजरा के क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता सर्वाधिक है, दूसरे स्थान पर ज्वार आता है। छोटे मिलेट्स में प्रदेश में सावां का क्षेत्रफल एवं उत्पादन सर्वाधिक है एवं कोदो का क्षेत्रफल व उत्पादन दूसरे स्थान पर है। छोटे मिलेट्स में कोदो एवं सांवा के अतिरिक्त रागी/मडुआ, काकुन आदि का आच्छादन नगण्य है।

