
फादर्स डे पर विशेष : पिता के लगाए कारोबार रूपी पौधे को विशाल वृक्ष बनाने का कार्य कर रही तीसरी पीढ़ी
कभी मुरादाबाद में एक छोटी सी जगह में खुली दुकान पुत्रों की मेहनत से बना चुकी है खन्ना जी के नाम से पहचान
मुरादाबाद
लेख : कहावत है “पूत कपूत तो का धन संचय पूत सपूत तो का धन संचय ” इसका अर्थ है कि यदि पुत्र बिगड़ा हुआ है तो धन एकत्र करने की आवश्यकता नहीं क्योंकि आपके बाद आपका बिगड़ा पुत्र आपके द्वारा एकत्र धन या संपत्ति को बर्बाद कर देगा और यदि आपका पुत्र सुयोग्य है तो भी आपको धन एकत्र करने की आवश्यकता नहीं क्योंकि वह अपनी सुयोग्यता के बल पर स्वय धन अर्जित कर लेगा और इसी कहावत को चरितार्थ कर रही है जनपद मुरादाबाद के रामगंगा बिहार के निवासी दिलीप खन्ना जी की दुकान जो सालों पहले एक छोटी से दुकान हुआ करती थी लेकिन उनके पुत्रों की सुयोग्यता के दम पर आज खन्ना जी का नाम एक ब्रांड बन चुका है ।
जी हां हम बात कर रहे है राम गंगा विहार मुरादाबाद निवासी दिलीप खन्ना जी की जो आज खन्ना जी ब्रांड नाम से बुध कटरा बाजार में चल रही जिस पर विभिन्न प्रकार के सामान जैसे रस्सी, तिरपाल, रेक्सीन आदि सामान का रिटेल व होलसेल काम होता है। सालो पहले इस कारोबार की शुरुआत बलदेव राज खन्ना द्वारा की गई थी। यह उस समय की बात है जब कटरा बाज़ार में मात्र कुछ दुकाने हुआ करती थी। बलदेव राज खन्ना न इस कारोबार की शुरुआत बहुत छोटे स्तर पे करी थी और फिर इसी कारोबार को उन्होंने अपने दोनों पुत्रो दिलीप खन्ना और अनूप खन्ना को सौपा। इसी कारोबार को नयी उंचाई तक पहुंचाते हुए कारोबार की बागडोर दिलीप खन्ना के पुत्र सागर खन्ना संभाल रहे है। दुकान “खन्ना जी की दुकान” के नाम से पुरे बाज़ार में विख्यात है। लोग उनके नाम और उनके काम पर भरोसा करते है और सागर खन्ना भी अपने प्रयास से कारोबार का नाम और भी रोशन कर रहे है। पीढियों से चलता आ रहा कारोबार अब सागर खन्ना जी आगे बढ़ा रहे है। आज फादर्स डे पर विशेष लेख लोगो को अपने पिता की विरासत सजो कर रखने का एक संदेश है ।

