किसानों को मिलेगा लाभ, कृषि स्नातकों को रोज़गार: जौनपुर में खुलेंगे 19 वन स्टॉप शॉप केंद्र
जौनपुर।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय वृद्धि और कृषि स्नातकों को स्वरोज़गार से जोड़ने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2025-26 में “वन स्टॉप शॉप” योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत जौनपुर जनपद के प्रत्येक विकास खंड स्तर पर एक ऐसे केंद्र की स्थापना की जाएगी, जहां किसान एक ही छत के नीचे खेती से जुड़ी सभी जरूरी सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
इन केंद्रों पर मृदा परीक्षण, उर्वरक की सिफारिश, उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, जैव उर्वरक, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, कीटनाशक रसायन, जैव कीटनाशक, वर्मी कम्पोस्ट, तथा लघु कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध होंगे। साथ ही किसानों को कृषि प्रसार सेवाएं और प्रक्षेत्र निर्देशन भी प्रदान किया जाएगा।
कृषि स्नातकों के लिए सुनहरा अवसर
वन स्टॉप शॉप केंद्रों का संचालन केवल कृषि स्नातकों को सौंपा जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। सरकार द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को व्यवसाय के आरंभ से पूर्व लखनऊ स्थित रहमानखेड़ा या आरसेटी से न्यूनतम 13 दिन का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
पात्रता और चयन प्रक्रिया
इस योजना के लिए वही अभ्यर्थी पात्र होंगे जो जौनपुर जनपद के निवासी हों और कृषि अथवा कृषि संबंधित विषयों जैसे- उद्यान, पशुपालन, वानिकी, दुग्ध, पशु चिकित्सा, मुर्गी पालन आदि में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक हों। अनुभव प्राप्त डिप्लोमाधारी या कृषि विषय में इंटरमीडिएट योग्यताधारी अभ्यर्थियों पर भी विचार किया जाएगा। अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई है, जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिलाओं को 5 वर्ष की छूट दी गई है। वरीयता जन्मतिथि के आधार पर दी जाएगी।
योजना की लागत और अनुदान
वन स्टॉप शॉप के लिए कुल लागत 6 लाख रुपये निर्धारित है, जिसमें से 1 लाख स्वयं वहन करना होगा और 5 लाख रुपये बैंक ऋण के रूप में मिलेगा। सरकार की ओर से लाइसेंस शुल्क के लिए 5,250 रुपये की प्रतिपूर्ति, 60,000 रुपये का ब्याज अनुदान (3 वर्षों के लिए) और किराए पर 12,000 रुपये का वार्षिक अनुदान भी मिलेगा।
कैसे करें आवेदन?
इच्छुक पात्र अभ्यर्थी 25 जून 2025 तक कार्यालय उप कृषि निदेशक, कृषि भवन, जौनपुर में कार्य दिवसों में आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं। चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा।
यह योजना जहां किसानों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सहायक होगी, वहीं कृषि स्नातकों के लिए यह एक सशक्त स्वरोज़गार का माध्यम सिद्ध होगी।

