Thursday, December 18

जौनपुर।ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जौनपुर में खुशी की लहर, सेना पर गर्व जता रहे लोग

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जौनपुर में खुशी की लहर, सेना पर गर्व जता रहे लोग

जौनपुर। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई सफल सैन्य कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह और जिला मीडिया प्रभारी आमोद सिंह ने जौनपुर में प्रेस को संबोधित करते हुए सेना की सराहना की और इस अभियान को न्याय की ओर एक मजबूत कदम बताया।

जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा, “हमें भारतीय सेना पर गर्व है। सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, जिसमें आतंकी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर के ठिकाने भी शामिल थे। नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले कर उन्हें पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया।” उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 25 भारतीय और एक विदेशी नागरिक की निर्मम हत्या की गई थी।

उन्होंने यह भी बताया कि इस हमले की योजना अत्यंत सूझ-बूझ से बनाई गई थी, जिससे किसी आम नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे। “हमारे सैनिकों ने सुनिश्चित किया कि सिर्फ आतंकी ठिकाने ही निशाना बनें। यह सेना की नैतिकता और दक्षता का प्रमाण है,” उन्होंने कहा।

वहीं भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी आमोद सिंह ने कहा, “‘ये दिल मांगे मोर’। आज भारतीय जनता सेना से और भी बड़ी उम्मीदें कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश की जनता का सरकार पर भरोसा और मजबूत हुआ है। पाक को कई बार चेताया गया, पर जब वह नहीं माना तो भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब हर हरकत का मुँहतोड़ जवाब मिलेगा।”

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पूरी योजना के साथ, सटीक जानकारी के आधार पर कार्रवाई की गई और अत्याधुनिक राफेल विमानों ने अपने सामरिक कौशल का परिचय दिया। “यह केवल सैन्य सफलता नहीं बल्कि नैतिक विजय भी है,” उन्होंने जोड़ा।

देश के पूर्व सैनिकों ने भी ज्ञापन देखकर युद्ध होने पर खुद को युद्ध में भेजे जाने की मांग की और कहा कि जंग जैसे हालात को देखते हुए देशभर में मॉकड्रिल्स की जा रही हैं, जिससे आमजन को भी आपात स्थिति में आत्मरक्षा के उपायों की जानकारी हो। उन्होंने विश्वास जताया कि इस कार्रवाई के बाद पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों को कुछ हद तक शांति मिली होगी और देश को यह भरोसा हुआ है कि सरकार और सेना आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने में सक्षम है।

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