Monday, December 15

बरेली।पुलिस की लगातार पिटाई से भयभीत युवक ने किया सुसाइड युवक के पिता बोले मुसलमान था इसलिए मारा

पुलिस की लगातार पिटाई से भयभीत युवक ने किया सुसाइड युवक के पिता बोले मुसलमान था इसलिए मारा

लड़की भगाने के आरोप में पुलिस ने कई दिन पीटा मृतक के शरीर मौजूद निशान दे रहे पुलिस की बर्बरता की गवाही

मुजीब खान

बरेली / जनपद के भुता थाना पुलिस की बर्बरता ने आज एक युवक को अपनी देने पर मजबूर कर दिया पुलिस के द्वारा रोज थाने बुलाकर युवक की बेरहमी से पिटाई और खतरनाक धमकियों से युवक इतना डर गया कि उसको मौत को गले लगाने के अलावा कोई और रास्ता दिखाई नहीं दिया क्योंकि युवक पर दूसरे गांव की एक लड़की को भगाने का आरोप लगा था जिसके कारण पुलिस उसे रोज थाने बुलाती और जमकर टार्चर करती वही युवक के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि लगातार दस दिन से पुलिस उसे थाने बुलाती और जमकर पिटाई करती थी उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हम मुस्लमान है इस लिए मेरे बेटे को मार डाला गया जब की हम पुलिस को 50 हजार रुपए दे चुके थे पुलिस और डिमांड कर रही थी हम वह भी देने को तैयार थे। मृतक के पूरे शरीर पड़े बड़े बड़े निशान पुलिस बर्बरता की गवाही दे रहे थे लेकिन पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने से इनकार किया जा रहा है वही पुलिस पर कार्यवाही न करते हुए लड़की पक्ष पर मुकदमा कायम करते हुए पुलिस विभाग ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली और पुलिस चौकी के एक दरोगा को सस्पेंड कर दिया जब की पीड़ित पिता की माने तो दोषी पुलिस कर्मियों क्लीन चिट देने का काम पुलिस अधिकारी कर रहे है ।

पूरा मामला जनपद बरेली के थाना भुता क्षेत्र के म्यूड़ी खुर्द गांव का जहां के रहने वाले सलमान पर अपने गांव से 40 किलोमीटर दूर थाना क्योलडिया क्षेत्र के ग्राम सत मन गांव की एक लड़की को भगा ले जाने का आरोप लगा जबकि सलमान जयपुर में रहकर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरणपोषण करता था वह जनवरी में अपने घर आया था पिता के अनुसार उसका बेटा बेकसूर था क्योंकि जो लड़की भागी थी उसमें उसके बेटे का कही से हाथ नहीं था मात्र लड़की की काल डिटेल में उसका मोबाइल नंबर आ गया था बस इसी को लेकर पुलिस ने उसके पुत्र को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया एक ओर पुलिस उनके पुत्र को लगातार थाने बुलाकर पिटती थी वहीं दूसरी ओर लड़की पक्ष के लोग घर आकर धमकियां दे रहे थे। पिता के अनुसार विगत 26 अप्रैल को पुलिस ने थाने ले जाकर उसकी जमकर पिटाई की जिसमें वह ग्राम प्रधान के साथ थाने गया और वह पहले 65 सौ रुपए दिए और उसे छुड़ा लाया उसके बाद पुलिस को 50 हजार रुपए और दिए फिर भी पुलिस ने उसके पुत्र को डराना धमकाना नहीं छोड़ा पुलिस की पिटाई से उसके इतनी छोटे आई थी कि वह रात में सो भी नहीं पाता था उधर पुलिस उसे तरह तरह की धमकियां देती थी तुझे काला पानी भेज देंगे जेल में सड़ा देंगे जिससे डरकर उसके पुत्र ने 1 मई की रात में अपनी जान दे दी इस घटना के बाद एसएसपी ने नवाबपुरा चौकी प्रभारी राजकुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया लेकिन क्योलड़िया थाने के इंस्पेक्टर क्राइम श्रवण कुमार जिन्हों सलमान को 26 अप्रैल को थाने बुलाया था। पूछताछ के लिए अंदर ले जाकर पीटा। जिस वक्त इंस्पेक्टर बेटे को पीट रहे थे, उस समय थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे। उन्होंने भी बेटे को धमकाया। लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई ।

लोग बोले पुलिस ने पार कर दी बेरहमी को सभी हदें

गांव के लोगों को युवक सलमान की मौत दुःख होने साथ पुलिस के बेरहमी से गुस्सा है तो साथ में पुलिस का खौफ भी देखा जा रहा है पुलिस की इस कार्यशैली से पूरा गांव जो विशेष समुदाय का खुला आरोप लगा रहा है कि सलमान को मुस्लमान होने की सजा दी गई है । वही लोगों ने बताया कि लड़के का दोष सिर्फ इतना था कि उसकी कॉल रिकॉर्डिंग में लड़की का नंबर आ रहा था। जिसके लेकर पुलिस ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि उसके पूरे शरीर पर चोटों के निशान पड़ गए थे। पूरा शरीर नीला पड़ गया था। थाने में पिछले 10 दिनों से सलमान को रोज पीटा जाता था। 1 मई को भी पुलिस ने उसे थाने बुलाया था। सलमान कह रहा था कि मुझे धमकाते थे, तुझे काला पानी भेज देंगे, तेरी खाल खींच लेंगे, जेल भेज देंगे। इसलिए सलमान डर गया। उसे लग रहा होगा कि शायद पुलिस उसे फिर से मारेगी और जेल भी भेज देगी। इसीलिए परेशान होकर सुसाइड कर लिया।

मेरा बेटा बेकसूर था फिर भी पुलिस ने उसकी खींच ली खाल

पिता बोले- मेरा बेटा बेकसूर, पुलिस ने मार दिया सलमान के पिता अशफाक ने कहा- मेरा बेटा बेकसूर था। फिर भी पुलिस वाले उसे परेशान कर रहे थे। उसे इतना मारा कि उसकी खाल तक खींच ली। मेरा बेटा कहता रहा कि मैं उस लड़की के बारे में नहीं जानता। फिर भी पुलिस वालों ने कहा कि इसकी हड्डियां तोड़ देंगे। पिता ने बताया कि मैं भी अपने बेटे को लेकर डरा हुआ था। मैंने दरोगा को 2 बार रिश्वत दी। पहली बार- 6500 रुपए दिए। दूसरी बार- 50 हजार रुपए दिए। इसके लिए मुझे उधार लेना पड़ा। लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं था। पैसे लेने के बाद भी वो लोग मेरे बच्चे को परेशान करते रहे।

उधार पैसे लेकर किया अंतिम संस्कार

पीड़ित पिता ने बताया कि उसका बेटा उसके बुढ़ापे का सहारा था जयपुर में रहकर सिलाई करता था उसके ऊपर माता पिता के अलावा 8 भाई बहनों जिसमें 6 बहने और दो भाई की जिम्मेदारी थी पुलिस को पैसे देने के बाद न तो उनका बेटा बचा और न हो पैसा इसलिए उसे दफनाने के लिए भी मुझे उधार लेना पड़ा पिता ने बताया- बेटे के सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए मैने रिश्तेदारों से उधार रुपए लिए। तब जाकर मैंने उसको सुपुर्द-ए-खाक किया।

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