
बाबू वीर कुंवर सिंह जी 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सिपाही और महानायक थें—सुदर्शन गौतम
राकेश कुमार यादव, सहरसा (बिहार)
सहरसा। जिले के सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर विभिन्न सरकारी विद्यालयों में बुधवार को बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाई गई। तटबंध के भीतर मध्य विद्यालय रैठी में अध्यक्ष बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ सलखुआ सह चिड़ैया संकूल समन्वयक सुदर्शन कुमार गौतम के अगुवाई में बीर कुवर सिंह की धूमधाम से जयंती मनाई गई। मौके पर शिक्षक नेता सुदर्शन कुमार गौतम ने बाबू वीर कुंवर सिंह के चित्र पर विधिवत माल्यार्पण के बाद दीप जलाते हुए विजयोत्सव दिवस के रूप में मनाया।उन्होंने उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया। शिक्षकों ने सदस्यों के बीच बाबू वीर कुंवर सिंह के जीवनी पर भी प्रकाश डाले। कहा कि 1857 की क्रांति में बाबू वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों को खदेड़कर अपना झंडा फहराया था।हमें उनके आदर्शों को अपनाकर उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।
वीर कुंवर सिंह जयंती हर साल 23 अप्रैल को मनाई जाती है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक वीर कुंवर सिंह के जन्मदिन और उनकी स्मृति में मनाया जाता है। वीर कुंवर सिंह 1857 की क्रांति के एक प्रमुख सेनापति थे और बिहार में ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था। कहा कि वैसे तो बिहार की धरती ने कई वीर योद्धाओं को जन्म दिया है लेकिन बाबू वीर कुंवर सिंह एक ऐसे वीर योद्धा थे जो हर मायने मे खास थे।जिसने अपने युद्ध कला से अंग्रजों के पसीने छुड़ा दिए . और ये कभी अंग्रजों के हाथ नही आए। अंग्रेजों ने जब-जब इन्हें पकड़ने की कोशिश की तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी । वे 1857 की क्रांति के एक नायक थे ।वे एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने 80 वर्ष की आयु मे भी कभी अंग्रेजों के आगे झुके नहीं। मौके पर शिक्षक नेता सुदर्शन कुमार गौतम, राजेश कुमार, शिवकुमार,परमानंद कुमार, संकर सादा, गुरूदेव सादा, प्रमोद सादा समेत अन्य मौजूद थे।

