बदायू पुलिस का खेल सफेदपोशों से मिली भगत करके आत्महत्या के मामले को हत्या दिखाकर निर्दोष को भेजा जेल
मृतक की पत्नी ने एसपी से मिल कहा उसने नहीं लगाया पति की हत्या का आरोप फर्जी अंगूठा लगा कर थाना पुलिस ने लिखा मुकदमा
मुजीब खान
बदायू / पुलिस के खेल भी निराले होते है जिन केसों में लोग नामजद मुकदमा दर्ज कराते है उनमें भी पुलिस जांच करने की बात कहते हुए जल्दी गिरफ्तारी नहीं करती लेकिन कुछ मामले ऐसे होते है जिनमें कोई एफआईआर नहीं करवाना चाहता फिर भी पुलिस जबरिया एफआईआर दर्ज करके सफेदपोशों के हाथों की कठपुतली बनकर निर्दोषों को भी जेल भेजने से पीछे नहीं हटती जिसकी एक ताजा मिसाल जनपद बदायू में देखने को मिली यहां एक ऐसे मामले में एक निर्दोष को सफेदपोश लोगो के इशारे पर जेल भेजने का काम किया है जिससे मृतक का कुछ लेना देना भी नहीं और यहां तक कि मृतक की पत्नी ने खुद उस निर्दोष के पक्ष में पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई लेकिन पुलिस सत्य को स्वीकार नहीं कर रही ।
मामले की शुरुआत आज से चार माह पूर्व जनपद के थाना उसावां क्षेत्र के ग्राम गौतरा पट्टी भौनी निवासी सतीश शर्मा 45 ने विगत 22 अप्रैल को शराब के नशे में धुत होकर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी जिसके पोस्टमार्टम के लिए परिजनों ने मना कर दिया लेकिन गांव के कुछ लोगो द्वारा जबरन पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम करा दिया पोस्टमार्टम के बाद परिजनों द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया और कोई भी तहरीर पुलिस को नहीं दी लेकिन पुलिस द्वारा लगातार मृतक की पत्नी पर दबाव डाला जाता रहा की तहरीर दे दो लेकिन मृतक की पत्नी चन्दा देवी द्वारा कहा गया कि उनके पति ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है वह किसी निर्दोष को नहीं फसाना चाहती है । मृतक की पत्नी के अनुसार
बदायूं। चार माह पूर्व थाना क्षेत्र के गांव में एक अधेङ ने शराब के नशे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसमे थाना पुलिस ने कार्यवाही करते हुए एक व्यक्ति को जेल भेज दिया है। वहीं मृतक की पत्नी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि हमारा किसी से कोई विवाद नहीं पुलिस ने जिनको जेल भेजा वह निर्दोष हैं। लेकिन मृतक की पत्नी को थाने बुलाकर एक तहरीर पर अंगूठा लगवा लिया गया बाद में पता चला कि मृतक की आत्महत्या को हत्या का मामला दिखाकर गांव के हो संजय सिंह पुत्र रामलाल व उसके पुत्र सौरभ सिंह को थाने लेकर आए और मृतक सतीश का हत्यारा बताते हुए कार्यवाही शुरू कर दी इसकी जानकारी जब मृतक की पत्नी को लगी तो उन्होंने दिल्ली से आकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूं आनन फानन में एक शपथ पत्र सौपा व मुख्यमंत्री के पोर्टल पर डाल दिया और कहा कि हमारा संजय सिंह से कोई भी विवाद नहीं और न ही कोई विरोध है हम कोई कार्रवाई नही चाहते हैं थाना पुलिस ने उन्हें गलत पकड़ा है । पुलिस ने संजय सिंह को जेल भेज दिया और उनके पुत्र के साथ मारपीट कर थाने से छोड़ दिया है।
वही कुछ लोगो के अनुसार थाने के एक दरोगा द्वारा अपनी बाइक से जाकर कुछ दूरी पर खड़ी एक सफेद कार में बैठकर कुछ लोगो से बातचीत की और थाने आते ही संजय सिंह को जेल भेज दिया जिससे ज्ञात हो रहा है राजनीति के चलते संजय सिंह को एक ऐसे केस में आरोपी बनाया गया जिसके परिजन खुद हत्या नहीं आत्महत्या होना बता रहे है फिलहाल पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर क्षेत्रवासियों में पुलिस के प्रति आक्रोश पनप रहा है लोगो का कहना है कि राजनीति के चलते पुलिस द्वारा सफेदपोशों के इशारे पर आर्थिक लेन देन करके एक निर्दोष को हत्या का केस बनाकर जेल भेज दिया है ।अधिकारी भी पुलिस की कारगुज़ारी पर कार्यवाही करने के बजाए पुलिस के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे है ।

