Monday, December 15

संभल।पुराने स्कूल सहित दो जगहों पर तैयार किया जा रहा था नकली मोबिल आयल करोड़ों के माल सहित 2 पकड़े

पुराने स्कूल सहित दो जगहों पर तैयार किया जा रहा था नकली मोबिल आयल करोड़ों के माल सहित 2 पकड़े

संभल / अभी तक अपने सुना होगा कि इंसानों की सेहत के साथ खिलवाड़ करते हुए मिलावट खोर नकली खाद प्रोडक्ट बनाते पकड़े जाते है लेकिन जनपद संभल में पुलिस ने दो ऐसी फैक्ट्रियों को पकड़ा जहां वाहनों की सेहत खराब करने के लिए मिलावट खोर नकली ल्यूब्रिकेंट तैयार करके ब्रांडेड कंपनियों के नाम से बाजार में धड़ल्ले से बेच रहे थे पुलिस ने दो फैक्ट्रियों पर छापा मारकर दो लोगों सहित करोड़ों का नामी गिरामी कंपनियों का मोबिल आयल बरामद किया है। बताया जा रहा है आरोपी 50 रुपए की लागत से 500 रुपए मोबिल आयल बनाकर बाजार में बेच रहे थे । गिरफ्तार आरोपियों ने अलग-अलग थाना क्षेत्र में नकली मोबिल बनाने और पैकिंग करने की फैक्ट्रियां लगा रखी थीं। आरोपी हाई क्वालिटी की ब्रांडेड कंपनियों के पैक में नकली मोबिल पैक करते थे। ब्रांडेड कंपनियों के खाली डिब्बे भारी मात्रा में मिले हैं।पुलिस ने गोदामों को सील कर दिया है।

जनपद के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि जनपद के दो थाना क्षेत्रों जिसमें थाना बहजोई और थाना बनियाठेर में अवैध रूप से मोबिल ऑयल की फैक्ट्री चल रही थी। पुलिस के एक साथ दोनों स्थानों पर छापे के दौरान नकली मोबिल ऑयल, ग्रीस व लुब्रिकेंट बनता पाया गया यह लोग पुराने ऑयल को खरीदकर बॉयलर में गर्म करके रंग मिलाकर असली जैसा नकली तेल बनाकर ये गिरोह नामचीन कंपनियों की बोतल, पाउच, बाल्टी, रैपर में भरकर बाजार में सस्ते रेट पर बेच देता था ओर काफी मुनाफा कमाते थे। पुलिस अधिक्षक ने जानकारी देते हुए बताया, एक गोदाम पुराने स्कूल में था। ताकि किसी को भनक न लगे। गोदाम में हीरो, कैस्ट्रॉल, एक्टिव जैसी नामचीन कंपनियों के बॉक्स मिले। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया, वह पुराना यूज तेल को प्रोक्योर करने के बाद ब्लू और रेड कलर मिलाकर उसको गाढ़ा करते थे असली दाम पर नकली मोबिल ऑयल बेचते थे।पकड़े गए आरोपियों की पहचान बहजोई के रहने वाले आशीष वार्ष्णेय और चंदौसी के रहने वाले प्रतीक गुप्ता के रूप में हुई है।

कई जिलों में होती थी सप्लाई

दोनों फैक्ट्रियों में तैयार किए ल्यूब्रिकेंट की सप्लाई उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित दिल्ली तक होती थी आरोपियों ने बताया कि दिल्ली से स्टीकर और पैकिंग मटेरियल मंगवाते थे। इन नकली प्रोडक्ट्स को असली दाम पर बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहे थे। पुलिस ने मौके पर ब्रांडेड कंपनियों के एजेंट भी बुलाए और जांच कराया पड़ताल में पता चला कि आरोपियों के पास फैक्ट्री का लाइसेंस तक नहीं है। वह सीधे तौर पर अवैध धंधा कर रहे थे।

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