Monday, December 15

बरेली।मंडल में बीजेपी ने बरेली में बदले जिला अध्यक्ष तो शाहजहांपुर और बदायूं में किए रिपीट पीलीभीत होल्ड पर

मंडल में बीजेपी ने बरेली में बदले जिला अध्यक्ष तो शाहजहांपुर और बदायूं में किए रिपीट पीलीभीत होल्ड पर

मुजीब खान

बरेली / कल बीजेपी द्वारा उत्तर प्रदेश के जिला अध्यक्षों की सूची में बरेली मंडल में जहां बरेली की कमान नए जिला अध्यक्ष केके सौंपी वही शाहजहांपुर और बदायूं जनपद में अपने पुराने जिला अध्यक्षों को उनके पद पर कायम रखा लेकिन सबसे ज्यादा चर्चित जिला पीलीभीत के जिला अध्यक्ष पद पर कोई फैसला न करते पीलीभीत को होल्ड पर रख कर पीलीभीत वालो को बेचैनी बढ़ाने का का काम किया है । आपको बताते चले कि जिला अध्यक्ष की घोषणा में प्रदेश के 28 जनपदों के जिला अध्यक्षों के चयन के मामले में होल्ड पर रखा गया है ।

आपको बताते चले कि मंडल के चारों जनपद में सर्व प्रथम शाहजहांपुर जनपद में पूर्व जिला अध्यक्ष कृष्ण चंद्र मिश्रा को दोबारा कमान सौंपी गई है कृष्ण चंद्र मिश्र अच्छे व्यवहार के लिए जनपद में अपनी अलग छवि बना चुके है इस लिए जनपद के सभी बीजेपी पदाधिकारी और कार्यकर्ता दोबारा उन्हीं की ही ताजपोशी चाह रहे जिसमे हाईकमान पूर्ण करते हुए उन्हें दोबारा शाहजहांपुर की कमान सौंपी है इसी के साथ महानगर शाहजहांपुर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता को भी दूसरी बार महानगर अध्यक्ष सौंपा गया है ।

इसी क्रम में जनपद बदायूं में भी बीजेपी जिलाध्यक्ष को लेकर चल रही अटकलों का दौर खत्म हो गया है। संगठन ने राजीव कुमार गुप्ता पर ही भरोसा जताया है और यही वजह है कि वो लगातार तीसरी बार जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन होंगे। हालांकि इस बार जिले के अध्यक्ष की दौड़ में प्रतिभागियों की लिस्ट काफी लंबी थी जिले में 38 लोगों ने जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की थी। इनमें राजीव कुमार गुप्ता भी शामिल थे। इन सभी ने अपने स्तर से एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की दौड़ भी ये दावेदार लगाए हुए थे। हर किसी की कोशिश किसी भी कीमत पर रूलिंग पार्टी के जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने की थी। हालांकि रविवार को संगठन की ओर से लिस्ट जारी हुई तो 37 दावेदारों के अरमान ठंडे पड़ गए।और राजीव तीसरी बार जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं।

मंडल के सबसे प्रमुख जनपद में कुछ अलग ही देखने को मिला भाजपा संगठन में लंबे समय से बना हुआ जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के नामों की घोषणा का इंतजार रविवार को पूरा हुआ। जहां आंवला जिलाध्यक्ष और बरेली महानगर अध्यक्ष के दायित्व के लिए पार्टी हाईकमान ने पुराने चेहरों को ही दोबारा से मौका दिया। वहीं बरेली के जिलाध्यक्ष के पद पर नए नाम सोमपाल शर्मा की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। इसकी वजह यह रही कि रविवार को घोषणा होने तक पूर्व जिलाध्यक्ष राजकुमार शर्मा का नाम चर्चा में बना रहा था।रविवार को संगठन पर्व के रूप में कार्यक्रम आयोजित कर कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में महानगर अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा भाजपा की तरफ से की गई। करीब दो महीने से इन नामों की घोषणा का इंतजार कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को था।

मंडल की तराई बेल्ट के नाम से प्रसिद्ध जनपद पीलीभीत के बीजेपी जिला अध्यक्ष को होल्ड रखा गया है यहां नए जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा को लेकर अभी और इंतजार करना होगा। कई दिनों से चली आ रही जिलाध्यक्ष के नाम को लेकर कयासों पर विराम लगने के बजाय सस्पेंस और गहरा गया है। प्रदेश के कई जनपदों में जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी गई लेकिन पीलीभीत को होल्ड पर रखा गया है। इसके पीछे तमाम चर्चाएं तेज हो रही हैं। मगर, जनप्रतिनिधियों की एकराय न होने को मुख्य वजह माना जा रहा है। फिलहाल दिनभर के इंतजार के बाद समर्थकों को मायूसी हाथ लगी है। बता दें कि पीलीभीत में संजीव प्रताप सिंह लगातार दो बार से भाजपा जिलाध्यक्ष हैं। इस बार किसी अन्य को कमान सौंपी जानी है। आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को देखते हुए इस बार संगठन भी खासा संजीदगी बरत रहा है। बीते माह भाजपा में नए जिलाध्यक्ष को लेकर चुनाव प्रक्रिया शुरू कराई गई थी। पर्यवेक्षक और जिला चुनाव अधिकारी की मौजूदगी में नामांकन प्रक्रिया संपन्न कराई गई थी। जिसमें 28 दावेदारों ने नामांकन किया था। इसके बाद से राजनीति गरमाई हुई है। पिछले कई महीनों से जिलाध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए दावेदार तैयारियां कर रहे थे। अपने-अपने दिग्गज नेताओं की भी शरण ले ली थी। नामांकन के बाद कुछ नामों को लेकर शोर काफी बढ़ा रहा। पहले महाकुंभ और फिर होली के बाद घोषणा होना तय माना जा रहा था। अब होली के बाद कई जनपदों के जिलाध्यक्षों की घोषणा कर भी दी गई है, लेकिन पीलीभीत को होल्ड पर रखा गया है। रविवार को नए जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा के इंतजार में अपने-अपने दावेदारों के नाम घोषित होने के दावे के साथ समर्थक खासा तैयारियां कर चुके थे, लेकिन अंत में जब उन्हें पीलीभीत जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा होल्ड पर होने की जानकारी लगी तो मायूसी छा गई।

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