
महाकुंभ में भगदड़ में पीड़ित हिन्दू भाइयों के लिए मुस्लिम भाइयों ने खोल दिए इबादगाहो के द्वारा
मदद को आगे आए मुसलमान 25 हजार श्रद्धालुओं को दी राहत बिस्तर खाने और दवाओं के करे इंतजाम
मुजीब खान
प्रयागराज / मशहूर शायर इकबाल साहब का कौमी तराना
सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा की एक बड़ी झलक प्रयागराज में देखने को मिली जहां के मुस्लिम लोगों ने गंगा जमुनी तहजीब और अतिथि देवों भव: की कहावत को सच साबित करते हुए समाज में हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत को दीवार खड़ी करने वालो के मुंह पर तमाचा जड़ने का काम किया है । कुंभ में भगदड़ के बाद बेहसारा हुए श्रद्धालुओं की मदद को यहां के मुस्लिम आगे आए और अपनी इबादत गाहे यानि मस्जिदों और मजारों के दरवाजे हिन्दू भाइयों के लिए खोल दिए और इन्हीं मस्जिदों को शरणस्थली में तब्दील करते यहां सभी के लिए बिस्तरों और खाने के साथ घायलों के लिए दवाओं की व्यवस्था भी करी इसके साथ भगदड़ के कारण अपना समान गायब होने के कारण ठंड से ठिठुरते श्रद्धालुओं को कंबल भी वितरित किए हालांकि घटना दुर्भाग्यपूर्ण रही जिसमें काफी लोगों को असमय मौत के आगोश में जाना पड़ा लेकिन हिन्दू मुस्लिम एकता देखकर साफ स्पष्ट हो गया कि लाख हमको बांटने का करो तुम जतन । लेकिन काट कर देखोगे तो एक ही निकलेगा सबका खून।।
आपको बताते चले को 28 – 29 जनवरी की दरमियानी रात जब मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ मची तो कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी ये वो वक्त था जब श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई लेकिन ऐसे में प्रयागराज के मुसलमान भाई हिंदू श्रद्धालुओं की मदद को आगे आए उन्होंने हिंदू श्रद्धालुओं के लिए मस्जिदें खोल दीं, ताकि उन्हें किसी भी तरह की तकलीफ न हो।
वर्षों बाद पुराने इलाहाबाद की पहचान गंगा-जमुनी तहजीब का नजारा एक बार देखने को मिला मौका था कुंभ भगदड़ का जो बेहद दुर्भाग्य पूर्ण था जाने कितनो ने यहां अपने को खो दिया और उसे शायद वो कभी नहीं भुला पाएंगे लेकिन एक अच्छी याद जो वो साथ लेकर जा रहे हैं, वो है मुसलमानों और हिंदुओं की एकता की जो उनके साथ इस दुख भरी घड़ी में मुलिमो का साथ देना भगदड़ के बाद कई हिंदू श्रद्धालुओं को उस वक्त न रहने को और न खाने पीने को जब कुछ मिल रहा था, तो मुसलमान भाइयों ने उनका साथ दिया उन्होंने हिंदू श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए मस्जिदें खोल दीं खाने के लिए लंगर लगाए और ठंड से बचाने के लिए कंबल भी बांटे।
इलाहाबाद से लगातार आ रही तस्वीरें इस बात की गवाही दे रही हैं कि देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा कितना गहरा है। मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ मची तो कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी भगदड़ के बाद का मंजर भयावह था। कुछ लोग रोते-बिलखते अपनों की तलाश करते रहे, तो कुछ अपनों के शव का हाथ थामे रहे कि कहीं बॉडी न खो जाए। केंद्रीय अस्पताल में हर तरफ खून से लथपथ लोग और लाशें ही लाशें थीं।।ये वो वक्त था जब श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई। श्रद्धालुओं की एंट्री रोक दी गई. जो जहां तक पहुंचा था, उसे वहीं रोका गया। ऐसे में जनसेन गंज रोड समेत 10 से ज्यादा इलाकों के मुस्लिमों ने बड़ा दिल दिखाया 25 से 26 हजार श्रद्धालुओं के लिए मस्जिद, मजार, दरगाह इमामबाड़े और अपने घरों के दरवाजे खोल दिए लोगों के रुकने की व्यवस्था की उन तक भोजन और चाय-पानी पहुंचाया. जिन्हें दवा की जरूरत थी, उनकी तीमारदारी की. हिंदू श्रद्धालुओं को 29 जनवरी की रात भी सड़क पर ही काटनी थी. ऐसे में प्रयागराज के मुस्लिमों ने गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल दी. मेला क्षेत्र से 10 किलोमीटर दूर खुलदाबाद सब्जी मंडी मस्जिद, बड़ा ताजिया इमामबाड़ा, हिम्मतगंज दरगाह और चौक मस्जिद में लोगों को ठहराया इसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए। मुस्लिम समुदाय ने स्पेशल लंगर लगाकर हिंदू श्रद्धालुओं को खाना खिलाया जिन्हें दवा की जरूरत थी उन्हें वो भी मुहैया करवाई एक न्यूज पेपर के मुताबिक, मुसलमान भाइयों ने 2500 लोगों को कंबल भी बांटे ताकि ठंड में हिंदू श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। यही नहीं, हिंदू श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड तक भी छोड़ा ताकि वो सही सलामत घर तक पहुंच सकें मुसलमान भाई अभी भी हिंदू श्रद्धालुओं की मदद में दिन रात लगे हुए हैं। कुछ मुसलमान भाइयों का कहना है कि जब तक महाकुंभ चलेगा हम हिंदू श्रद्धालओं की मदद करते रहेंगे।

