
मेरठ में चार बदमाशो का एनकाउंटर करके ढेर करने वाले घायल एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने तोड़ा दम
मेरठ / विगत दिवस मेरठ के शामली में कग्गा गैंग और एसटीएफ की मुठभेड़ में गैंग के चार बदमाश ढेर कर गए थे इसी मुठभेड़ में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी पेट में तीन गोलियां लगी थीं जिसके कारण उनका लिवर डैमेज हो गया जिनका इलाज गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में चल रहा था जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया होनहार इंस्पेक्टर की मौत से महकमे में शोक की लहर दौड़ गई ।
बताया जा रहा है कि विगत दिवस मुठभेड़ के दौरान घायल सुनील कुमार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में ले जाया गया, जहां सर्जरी की गई। दोनों गोलियां बाहर निकाल ली गईं। लेकिन गोली से उनका लिवर छलनी हो गया था। डॉक्टरों ने कहा था- गोली से लिवर डैमेज हो गया है। अगले 24 घंटे इंस्पेक्टर सुनील के लिए बेहद अहम हैं। कुछ भी हो सकता है। आखिरकार 36 घंटे जिंदगी-मौत से लड़ने के बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अंतिम सांस ली। एसपी शामली रामसेवक गौतम ने कहा कि इंस्पेक्टर की मौत की सूचना के बाद एक टीम को गुरुग्राम भेजा गया है।
मेरठ के रहने वाले थे इंस्पेक्टर सुनील इंस्पेक्टर सुनील मेरठ में इंचौली के मसूरी गांव के रहने वाले थे। 1 सितंबर, 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। स्पेशल टास्क फोर्स का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर, हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। 1 जनवरी, 2009 को सुनील ने एस टी एफ जॉइन किया। 16 साल से वह एस टी एफ में ही थे। सुनील कुमार 7 अगस्त, 2002 को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोट हुए। 13 मार्च, 2008 को फतेहपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसके लिए उन्हें 16 सितंबर, 2011 को आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से पीएसी में प्लाटून कमांडर बना दिया गया। 22 अप्रैल, 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोट हुए थे।

