
डिजिटल अरेस्ट : ठगो ने बरेली में डाक्टर के आधार कार्ड का हवाला में प्रयोग की धमकी देकर सात घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट
परिजनों की सूचना पर सतर्क हुई पुलिस ठगने से बचाई डाक्टर की 50 लाख की रकम
मुजीब खान
बरेली / साइबर क्राइम पर पुलिस की रोकथाम और लोगो को जागरूक करने के बाद भी यह ठग अपना शिकार ढूंढ ही लेते है कल बरेली के एक डाक्टर को साइबर क्रिमिनल ने उसके आधार कार्ड का हवाला में प्रयोग होने की धमकी देकर उसे एक होटल में सात घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा डाक्टर अपनी एकाउंट डिटेल साइबर ठगों को शेयर ही करने वाले थे कि अचानक पहुंची पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोककर उनके 50 लाख रुपए ठगने से बचा लिए बताया जाता है कि डाक्टर अपने घर से क्लिनिक के लिए निकलने के बाद क्लिनिक नहीं पहुंच पाए थे इसी बीच ठगो ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और वह क्लिनिक के बजाए एक होटल में रुककर ठगो से सौदा करने लगे थे क्लिनिक न पहुंचने पर परिवार के लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी जिस पर पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए डिजिटल अरेस्ट हुए डाक्टर को ढूंढ निकाला और उन्हें ठगे जाने से बचा लिया ।
महानगर के फाइक एन्क्लेव में रहने वाले डॉ. नजबुल हसन के मुताबिक शनिवार सुबह वह अपने क्लिनिक जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी उनके मोबाइल पर कॉल आई। दूसरी तरफ से बात करने वाले शख्स ने खुद को सीबीआई का अफसर बताते हुए उनके आधार कार्ड का हवाला कारोबार में इस्तेमाल होने की बात कही। उन्हें बताया कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई की एक टीम बरेली पहुंच गई है। अगर वह बचना चाहते हैं तो तीन दिन के लिए कहीं एकांत में चले जाएं। दहशत में आए डॉ. नजबुल ने फौरन पीलीभीत रोड पर एक होटल में कमरा बुक कराया और आननफानन अपनी बैंक पासबुक और जरूरी दस्तावेज लेकर घर से निकल गए।
परिजनों ने उन्हें पासबुक वगैरह लेकर अचानक यूं निकलते देखा तो उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुके। कुछ समझ नहीं आया तो डॉ. नजबुल के भतीजे इमरान ने करीब 10 बजे फोन कर एसपी सिटी मानुष पारीक को सूचना दी। एसपी सिटी के निर्देश पर बारादरी पुलिस ने डॉक्टर को तलाश करने के लिए उनका फोन सर्विलांस पर लगाया तो उनकी लोकेशन पीलीभीत रोड पर एक होटल में मिली। होटल पहुंची पुलिस ने पहले मैनेजर से डॉ. नजबुल के वहां होने की पुष्टि की। डॉ. नजबुल साइबर अपराधियों की धमकी से इतने डरे हुए थे कि पुलिस को उनसे कमरे का दरवाजा खुलवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
डॉ. नजबुल के भतीजे इमरान ने एसपी सिटी को फोन पर बताया कि उसके चाचा किसी से फोन पर बात कर रहे थे। बात करते-करते ही वह अचानक बैंक की पासबुक और कई दस्तावेज लेकर घर से स्कूटी लेकर निकल गए। एसपी सिटी ने इसके बाद डॉक्टर की बेटी से बात की। उसने बताया कि उसके पिता को किसी का फोन आया था जिसने उन्हें बताया था कि उनके आधार कार्ड का किसी नरेश नाम के आदमी ने हवाला कारोबार में इस्तेमाल किया है। इसके बाद बुरी तरह घबराए उसके पिता कुछ ही देर में घर से निकल गए। एसपी सिटी इस पर भांप गए कि ठगी के लिए डॉ. नजबुल को कहीं डिजिटल अरेस्ट किया गया है। इसके बाद उन्होंने बारादरी पुलिस को फौरन डॉ. नजबुल की लोकेशन का पता लगाने का निर्देश दिया।
डॉ. नजबुल की लोकेशन मिलने के बाद शाम पांच बजे पुलिस उस होटल में पहुंची जहां उन्होंने कमरा बुक कराया था। पुलिस ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, उस वक्त वह वीडियो कॉल पर साइबर अपराधियों के संपर्क में थे। पुलिस के काफी आवाज लगाने और दरवाजा पीटने के बावजूद वह अंदर से दरवाजा खोलने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस वालों ने होटल में आग लगने का शोर मचाया, तब कहीं उन्होंने दरवाजा खोला। इसके बाद एसपी सिटी ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वह इतने डरे हुए थे कि उनकी काफी देर उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए। बमुश्किल पुलिस उन्हें समझा पाई कि उन्हें ठगने के लिए यह साजिश रची गई है।

