
पूर्व सांसद व जिप सदस्य ने आपदा प्रबंधन मंत्री से मिल बाढ़ राहत में हो रहे धांधली की शिकायत की
सहरसा।जिले के सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर बाढ़ प्रभावित पंचायतों में बाढ़ राहत में धांधली व सहि लाभुकों का नाम जीआर पोर्टल पर दर्ज नही किए जाने को लेकर खगड़िया के पूर्व सांसद चौधरी महबूब अली केसर एवं सलखुआ पश्चिमी के जिला परिषद सदस्य अनिल भगत ने पटना में आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार सुमन को ज्ञापन सौंपा। 
आपदा मंत्री को दिए आवेदन में कहा है कि सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर पिछले दिनों आई बाढ़ से चानन, अलानी, कबीरा पंचायत पूरी तरह प्रभावित हो गया था। बाढ़ राहत के नाम पर सलखुआ अंचल में बिचौलियों के मिलीभगत से जीआर सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा हैं। कहा कि बीते दिनों कोसी बराज से 6.81 हजारर क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सलखुआ प्रखंड के चानन, कबीरा एवं अलानी पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ से आ गया। बाढ़ प्रभावित तीनों पंचायतों को बाढ़ आपदा के श्रेणी में रखते हुए सरकार के द्वारा बाढ़ प्रभावित परिवार को सात हजार रुपए की दर से राहत राशि का डीबीटी के माध्यम से अंतरण किये जाने की घोषणा की गई। जिसे सुनते ही अंचल स्तर पर अंचल प्रशासन के साथ-साथ अंचल कर्मियों से मिली-भगत कर बिचौलिया बड़े पैमाने पर जीआर सूची में सही लाभुकों को दरकिनार कर दुसरे पंचायत के लोगों का नाम दूसरे पंचायत के फर्जी नाम जोड़कर पोर्टल पर लोड कर दिया गया है। इतना ही नहीं एक ही परिवार के पति-पत्नी एवं अन्य सदस्य का नाम भी पोर्टल पर लोड कर दिया गया है। यह लापरवाही नहीं बल्कि जान बूझकर किया गया साजिश है। ऐसा किसी एक वार्ड में नहीं है, बल्कि यह फर्जीवाड़ा सलखुआ के तटबंध के भीतर पंचायत में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है। दिए आवेदन में उन्होनें पंजाब नेशनल बैंक गोसपुर-फेनसाहा एवं बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच भेलवा सलखुआ के द्वारा फर्जी व गलत लाभुक के बिना पहचान किए ही राशि की निकासी धड़ल्ले से किया जा रहा है। आपदा जैसी संकट की घड़ी में सही लाभुक जनप्रतिनिधि सहित प्रखंड और अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित परिवारों का फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में प्रभावित परिवारों का आक्रोश जिला प्रशासन एवं सरकार के प्रति बढ़ता जा रहा है। उन्होनें आवेदन में जीआर सूची में दर्ज फर्जी और गलत लाभुकों का जांच की मांग किया है। जिससे सही लाभुकों को सरकारी सहायता राशि मिल सके।

