नियमों के उल्लंघन पर लाइसेंस निरस्त के साथ स्थाई रूप से एजेंसियां होंगी प्रतिबंधित – अग्निशमन अधिकारी
सुरक्षा और इज ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा देने के क्रम दिशा निर्देश जारी
आजमगढ़।उपेन्द्र कुमार पांडेय
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनमानस की सुरक्षा और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने हेतु उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा नियमावली-2024 के अंतर्गत महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए है। प्रमुख सचिव संजय प्रसाद द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब भवनों में अग्नि निवारण और जीवन सुरक्षा उपायों की स्थापना एवं रखरखाव के लिए “क्वालिफाइड एजेंसी” की नियुक्ति और उनके कार्यक्षेत्र का निर्धारण कर दिया गया है।

बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए मुख्य अग्निशमन अधिकारी विवेक कुमार शर्मा ने बताया कि मुख्यतः *एजेंसियों का वर्गीकरण:* कार्यक्षमता और योग्यता के आधार पर एजेंसियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। जिसमें श्रेणी “ए”सभी प्रकार के भवनों के लिए अधिकृत है। श्रेणी ‘बी श्रेणी–2 और श्रेणी–3 के भवनों के लिए अधिकृत है और श्रेणी “सी केवल श्रेणी-03 के छोटे भवनों के लिए अधिकृत किया गया। इसमें निर्थारित सेवा शुल्क: पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विभाग ने अधिकतम व्यावसायिक शुल्क भी तय कर दिया है।
इसमें *लाइसेंस की वैधताः* क्वालिफाइड एजेंसी के लाइसेंस की वैद्यता 2 वर्ष होगी। वैधता समाप्त होने से 3 माह पूर्व नवीनीकरण हेतु लाइसेंस धारकों को आवेदन करना अनिवार्य होगा। *योग्यता मानक:* एजेंसी के रूप में पंजीकरण फायर इंजीनियरिंग में स्नातक, डिप्लोमा या संबंधित क्षेत्रों में अनुभव अनिवार्य किया गया। *पारदर्शिता और जवाबदेही:* यदि किसी एजेंसी द्वारा जारी प्रमाण पत्र में विसंगति पाई जाती है या वह नियमों का उल्लंघन करता है, तो संबंधित एजेंसी का लाइसेंस निलंबित या निरस्त किया जा सकता है और उसे स्थायी रूप से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है। इसमें इच्छुक व्यक्ति या संस्थाएं उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवा के ऑनलाइन पोर्टल पर निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए 10.000 रुपए पंजीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है। इस नई व्यवस्था से प्रदेश के भवनों में अग्नि सुरक्षा मानकों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होगा और भवन स्वामियों को विशेषज्ञों के माध्यम से सुगम सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।

