स्थगन आदेश के बावजूद कब्जेदारी, अब पुलिस पर मिलीभगत का आरोप पीड़ित ने कहा, हमें ही थाने में बैठा लिया
जौनपुर। बदलापुर तहसील क्षेत्र के ग्राम औंका में उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद विवादित भूमि पर कब्जे की कोशिश की जा रही है। अब पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है।
ग्राम औंका की आराजी संख्या 995 को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या 23387 विचाराधीन है, जिस पर न्यायालय ने स्पष्ट स्थगन आदेश जारी किया है। इसके बावजूद गांव के रतीराम पुत्र रामकुबेर, दिवाकर पुत्र महेन्द्र, रत्नाकर पुत्र सुरेश और महेन्द्र पुत्र बाबूराम पर ज़बरन कब्जेदारी और डराने-धमकाने का आरोप है।
प्रार्थी वीरेन्द्र कुमार यादव का आरोप है कि विवादित भूमि के पास उनके सहन से सटकर गोबर और कूड़ा फेंककर दबंगई की जा रही है। विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जाती है। दो बार प्रशासन अतिक्रमण हटवा चुका है, फिर भी दबंग पक्ष पुनः कब्जा कर लेता है।
चौकी इंचार्ज पर पीड़ित ने लगाया आरोप।
पीड़ित द्वारा पुलिस में शिकायत करने के बावजूद चौकी इंचार्ज धनियामऊ ने दबंगों को संरक्षण देते हुए उल्टा पीड़ित को ही थाने पर बैठा लिया।
पीड़ित का कहना है कि प्रशासन कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद मामले की लगातार अनदेखी कर रहा है और शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
पीड़ित ने उच्च अधिकारियों से हस्तक्षेप कर अतिक्रमण हटाने, कोर्ट आदेश का पालन कराने, तथा जान-माल की सुरक्षा देने की मांग की है।

