Tuesday, December 16

सहरसा (बिहार) ।शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान पर सुदर्शन गौतम को जिला सम्मा

शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान पर सुदर्शन गौतम को जिला सम्मान

राकेश कुमार यादव, सहरसा (बिहार) 

सहरसा।जिले के सलखुआ प्रखंड के चिड़ैया संकुल समन्वयक सुदर्शन कुमार गौतम को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, सहरसा द्वारा आयोजित “जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह–2025” में सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य, निष्ठा और समर्पण के लिए दिया गया। समारोह में जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

सुदर्शन कुमार गौतम को यह सम्मान विद्यालय संचालन में नवाचार, छात्र उपस्थिति बढ़ाने, शिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और प्रेरणादायी शैक्षणिक वातावरण निर्माण के लिए मिला। प्रशस्ति पत्र में उल्लेख है कि उन्होंने अपने संकुल क्षेत्र को जिला स्तर पर एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने विद्यालयों में अनुशासन की भावना विकसित की। शिक्षकों के साथ बेहतर समन्वय बनाया। छात्र-छात्राओं की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की। स्थानीय स्तर पर शिक्षण गुणवत्ता में नवाचार किए। शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदारी को बढ़ावा दिया।इससे पहले भी कोसी दियारा जैसे दुरुह इलाके में शिक्षक के रूप में उनके कार्यों के लिए उन्हें जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर सम्मान मिल चुका है। सम्मान मिलने पर सुदर्शन गौतम ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है जो शिक्षा को समाज में बदलाव का आधार मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उन्हें और अधिक निष्ठा से कार्य करने की प्रेरणा देगा।इस उपलब्धि पर सलखुआ प्रखंड सहित पूरे जिले में खुशी की लहर है। विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों, छात्रों और शिक्षा प्रेमियों ने उन्हें बधाई दी। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सविता कुमारी, पूर्व वरीय साधन सेवी जय कृष्ण यादव, प्रधानाध्यापक दिलीप पासवान, शिव कुमार, सुदीन कुमार, उदित कुमार, पवन भगत, मनोज भगत, सूर्यनारायण कुमार, मुकेश कुमार, महेश्वर पंडित, अशोक सिंह, रंजीत कुमार, दिलीप कुमार, परमानंद कुमार, सरिता कुमारी, अजीत कुमार, कैलाश पासवान, माहिर अली, रशीद इकबाल और याहिया आदमी ने कहा कि यह सम्मान न केवल गौतम के व्यक्तिगत योगदान को दर्शाता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तनकारी नेतृत्व की आवश्यकता और उसके प्रभाव को भी रेखांकित करता है। यह सम्मान अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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