
मोहर्रम पर ताजिया के साथ निकला गया जुलूस।
राम प्रसाद मिश्र
लालगंज आजमगढ़ । परंपरा, आस्था और शांति के साथ मनाया गया मोहर्रम का पर्व,ताजियों की भव्य सजावट, खेल-कूद प्रदर्शन और नौहाख्वानी ने दी कर्बला की याद।
सिधौना चौक से सिद्धेश्वरी माता मंदिर से पश्चिम दिशा कर्बला स्थान मे दफन किया गया ।मोहर्रम का पर्व पूरी परंपरा, श्रद्धा और सौहार्द के साथ मनाया गया। हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में आयोजित यह पावन अवसर शांति और भव्यता का प्रतीक बना रहा। नगर की गलियां ताजियों की सजावट, ढोल-ताशों की गूंज और अंजुमनों द्वारा पढ़े गए नौहे-नात से गुलज़ार रहीं।
धर्म, न्याय और बलिदान का संदेश देने वाला यह पर्व रंग-बिरंगी पन्नियों, थर्माकोल और शीशे से सजे भव्य ताजियों के साथ श्रद्धा व सादगी से मनाया गया। अनेक गांवों में ताजियादारों ने अपने हुनर और भक्ति का अनूठा प्रदर्शन किया।
मासूम बच्चों द्वारा सजाए गए धर्माकोल के ताजिये ने लोगों का ध्यान खींचा,
करबला की याद ताजा करने वाले लाठी, तलवार, डंडे और शैफ के पारंपरिक खेलों ने माहौल को भावुक बना दिया। अंजुमनों द्वारा पढ़े गए नौहे और नातों ने श्रद्धालुओं की आंखें नम कर दीं।
“कत्ल-ए-हुसैन असल में मरगे-यजीद है,
इस्लाम ज़िंदा होता है हर कर्बला के बाद”
जैसे इमामी शेरों की गूंज ने माहौल को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। ताजियों को देखने के लिए सांझ होते-होते सभी स्थानों पर ताजियों को विधिपूर्वक कर्बला में दफन किया गयाजहां सभी ताजियादारों का मिलन होगा ,तत्पश्चात ताजिए को कर्बला में दफन किया जाएगा। ताजिए में भाईचारे का महत्व है जिसे हम सभी लोग मिलकर मनाते हैं। ताजिया दारो ने सर पर हरा रुमाल बाधे हुए नजर आए वे या हुसैन की सदाएं लगाते हुए चल रहे थे जुलूस में नारे तकबीर अल्लाह हूअकबर नवी का दामन नहीं छोड़ेंगे जैसे इस्लामी नारे लगाए गये जुलूस के दौरान शिरनी का वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्तार अहमद हजरत अली इश्तियाक अहमद अशरफ इलियास नसरुद्दीन फखरुद्दीन सदरे आलम अली हसन बदरे आलम अरबाज सिधौना ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विष्णु मौर्य उपस्थित रहे।शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेहनाजपुर थाना प्रभारी अपने हमराहियों के साथ क्षेत्र में घूमते नजर आए जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे।
