
तीन दिवसीय जयगुरुदेव वार्षिकोत्सव का हुआ समापन, जाने क्या कहा पंकज जी महराज ने
आजमगढ़। तीन दिवसीय जयगुरुदेव आश्रम खानपुर में वार्षिक सत्संग समारोह का समापन हुआ। समापन अवसर पर संस्थाध्यक्ष पंकज जी महाराज ने श्रद्धालुओं को नामदान दिया। उन्होंने शाकाहार प्रचार और शब्द (नाम) कमाई करने पर जोर दिया। पंकज जी महराज ने कहा कि भवसागर से पार होने की इच्छा रखने वालों को संत की खोज कर उनकी सेवा, सत्संग और नाम की कमाई करनी चाहिये। मनुष्य शरीर चौरासी लाख योनियों से निकलने का एकमात्र अवसर है। इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इसे हिन्दू महात्माओं ने हरि मन्दिर, मुसलमान फकीरों ने कुदरती काबा, ईसा मसीह ने जिन्दा भगवान का घर बताया। जब तक शरीर में जीवात्मा रहती है उसको पवित्र माना जाता है और अन्य लोगोें से इसका सम्बन्ध होता है। जिस शरीर को लोग सुख का साधन समझ रहे थे वही शरीर बुढ़ापे में दुःख का कारण बन जाता है। मनुष्य जवानी में धन-दौलत, परिवार आदि का घमण्ड करता है और आगे आने वाले समय के बारे में विचार नहीं करता है। जवानी में महापुरुषों के सत्संग वचनों को सुनकर शरीर में बैठी हुई जीवात्मा, रूह से नाम कमाई कर आत्म कल्याण कर लेने से मानव जीवन सफल हो जायेगा। रूहें, जीवात्मायें शब्द आकाशवाणी पर उतार कर लाई गई हैं। शब्द से आत्मा का सम्बन्ध टूट गया जिससे अब उसे यह बोध नहीं रहा कि वह कहां से आई और उसका सच्चा पिता कौन है?। नाम की कमाई करके अपने ख्याल को नौ दरवाजों से हटाकर दसवें द्वार पर पहुंचने पर शब्द की लज्जत मिलने लगती है और मन शांत हो जाता है। दुनिया से प्यार और मोह खत्म हो जाता है। 
पंकज जी महराज ने कहा कि ‘‘रूहों पर रहम जो करता है वही खुदा का प्यारा है।’’ को उद्धृत करते हुये बताया कि सभी रूहें खुदा की हैं सबमें उसी का नूर है। इसलिये रूहों पर दया करनी चाहिये। उनकी हिंसा हत्या नहीं करनी चाहिये। बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की भविष्यवाणियों की तरफ संकेत किया। यदि लोग शाकाहार और नशा मुक्त जीवन शैली नहीं अपनायेंगे तो आगे भयंकर बीमारियां आयेंगी। कोरोना महामारी का दुःखद दृश्य आपने देखा, मरने वालों की कोई गिनती नहीं रही। इसलिये हमारी आपसे अपील और प्रार्थना है आप शाकाहारी रहें और नशीली वस्तुओं का सेवन बंद कर दें। जब आप राम, कृष्ण, हनुमान, महात्मा बुद्ध और मोहम्मद साहब को मानते हैं तो उनके आदर्शों पर भी चलना सीखें। अच्छे विचार तब आयेंगे जब लोगों का खान-पान शुद्ध होगा इसलिये शाकाहार-सदाचार और मद्यनिषेध का प्रचार निरन्तर करते रहें। इससे देश-दुनिया में भारी परिवर्तन आयेगा। सब धर्मों में रूहानियत एक है। जब मानव रूहानियत से दूर हो जाता है वह शरियत का कैदी बन जाता है और कर्मकाण्डों में उलझ जाता है।
आगामी 8 से 12 जुलाई तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले गुरुपूर्णिमा कार्यक्रम में आमंत्रित करते हुये कहा आप सपरिवार अवश्य पधारे।
इस अवसर पर आयोजक सतीश चन्द्र यादव, जिलाध्यक्ष रामचरन यादव, लालचन्द, सकलदीप पाल, राम समुझ गुप्ता, मु. रिजवान एडवोकेट, उमेश उपाध्याय, रामजीवन सिंह, रामचन्द्र राय, डा. जे.पी. यादव, सत्यशील बन्धु और जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, प्रबन्धक संत राम चौधरी, मंत्री विनय सिंह, सचिव विजय प्रकाश श्रीवास्तव, बिहार प्रदेश के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, मु. ईशा, अरुन कुमार, अनिल ठाकुर, डॉ. राजबहादुर अदि सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
