
सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना
झारखंड रांची ।राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सोमवार को वट सावित्री व्रत श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए व्रत रखा। सुबह से ही स्थानीय शिव मंदिरों और वट वृक्षों के पास महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्होंने विधिपूर्वक वट वृक्ष की पूजा की, उसके चारों ओर मौली सूत के धागे लपेटे और ताड़ व बांस के पंखों से वट वृक्ष को हवा दी। इसके बाद सामूहिक रूप से सत्यवान-सावित्री की कथा का श्रवण किया गया। पूजा अर्चना के उपरांत ब्राह्मणों को दान-पुण्य देकर आशीर्वाद लिया गया। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। इस अवसर पर खलारी-कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी वट सावित्री पूजा की गई, जहां सुहागिन महिलाओं ने पूरे विधि-विधान के साथ वट वृक्ष की पूजा की और सावित्री की कथा सुनी।
वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और पारंपरिक परिधान धारण कर पूजा अनुष्ठान करती हैं। यह व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्री के समर्पण, प्रेम और आस्था का प्रतीक माना जाता है।
इस प्रकार, अन्य क्षेत्रों में वट सावित्री व्रत का आयोजन पारंपरिक रीति-रिवाजों और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ, जिसमें महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना की।

