Thursday, December 18

बलिया।सपा नेता का बीजेपी पर जोरदार हमला, बोले- भाजपा सरकार लोगों को धार्मिक आधार पर बांचने का काम कर रही।

सपा नेता का बीजेपी पर जोरदार हमला, बोले- भाजपा सरकार लोगों को धार्मिक आधार पर बांचने का काम कर रही।

संजीव सिंह बलिया। आमजन की समस्याओं के समाधान में विफल भाजपा सरकार लोगों को बरगलाने और धार्मिक आधार पर समाज को बांटने के लिए कभी बाबर कभी गजनी, कभी सम्भल तो कभी राणा संगा पर बहस छेड़ रही है। विकास, रोजगार, महंगाई, गिरते रुपए और रोज खराब होती कानून व्यवस्था पर कोई चर्चा नहीं कर रही। प्रदेश में प्रतिदिन हत्याएं हो रही हैं और बीजेपी सरकार के मुखिया कह रहे हैं कि सभी अपराधी प्रदेश छोड़ दिए हैं या स्वर्ग सिधार गए हैं। तो प्रश्न उठना लाजिमी है कि आखिर ये हत्याएं कौन कर रहा है ? भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। प्रदेश की सभी सरकारी महकमे सहित चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी है। सरकार औरंगजेब में उलझी है। ये बातें समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष/प्रवक्ता सुशील कुमार पाण्डेय “कान्हजी” ने शनिवार को प्रेस को जारी अपने बयान में कही।

कान्हजी ने कहा कि जब समुद्र मंथन हुआ तो अमृत और विष दोनों निकला और जब रामायण की चर्चा होती हैं तो मर्यादा पुरूषोतम राम,लक्ष्मण, भरत,शत्रुघ्न ,माता सीता की चर्चा होती है वहीं मारीच, मेघनाथ और दशानन को छोड़ कर रामायण नहीं पढ़ी जाती उसी तरह इतिहास में जब बाबर की चर्चा करेंगे तो राणा संगा से कैसे बचेंगे। जब महारानी लक्ष्मी बाई की चर्चा करेंगे तो ग्वालियर राजघराने की चर्चा होगी ही। जब मुगलों की चर्चा होगी तो मान सिंह का नाम आएगा ही इसको मुद्दा बनाने से देश विकाश नहीं करेगा। बल्कि मुद्दा आमजन के बेहतरी का उठना चाहिए।सपा प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी मुख्य मुद्दे से लोगों को बरगलाने में माहिर है। देश का युवा रोजगार पर चर्चा चाहता है। किसान एमएसपी पर, मध्यम वर्ग महंगाई पर, महिला अपने अधिकार और सुरक्षा पर चर्चा चाहती और सरकार धार्मिक उन्माद पर चर्चा कर रही है। जो देश और प्रदेश की जनता के साथ धोखा है।

कान्हजी कहा कि इस देश को सजाने और संवारने में भारत में रहने वाले सभी लोगों ने योगदान दिया है। चाहे वह किसी जाति धर्म के हों। आजादी की लड़ाई में सभी धर्म के लोगों ने बलिदान दिया है। हमारे देश का संविधान सबको धार्मिक आजादी की बात कहता है। लेकिन आज उसी संविधान का शपथ लेने वाले लोग धार्मिक आधार पर विद्वेष फैलाने का काम कर रहे हैं। जो देश और समाज के हित में नहीं है। ऐसी परिस्थिति में देश के बौद्धिक वर्ग के लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि गलत के खिलाफ मुखर हों और फिरकापरस्त ताकतों को नेस्तनाबूत करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *