
कैंसर से जंग जीतने के बाद पति की बेवफाई से जंग हार गई शबाना सुसाइड नोट लिखकर मौत को गले लगाया
मुजीब खान
बरेली / अभी तक उत्तर प्रदेश के मेरठ में मुस्कान जैसी महिला ने जो कृत्य किया था उसने सभी महिला जाती को कलंकित करने का काम किया लेकिन बरेली की शबाना ने उस कलंक को धोते हुए यह सिद्ध कर दिया सभी महिलाएं एक जैसी नहीं होती शबाना ने अपनी जान देकर यह सिद्ध किया है क्योंकि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जंग जीतने वाली शबाना पति की बेवफाई से जंग हार गई और सुसाइड नोट लिखकर की पति ने उसके साथ जो बेवफाई की उसके कारण वह मौत को गले लगा रही है और उसने साफ शब्दों में लिखा कि उसकी मौत पर उसका मुंह उसके पति को दिखाना तो दूर उसके दरवाजे पर भी न आने दिया जाए मुस्कान का लगाया महिला जाती पर कलंक धो कर शबाना इस दुनिया से विदा हो गई ।
पति के जुल्मों से तंग आ चुकी शबाना ने फंदा लगाने से पहले सुसाइड नोट में लिखा कि मैं सुसाइड कर रही हैं और इसके लिए पति यासीन, उनकी दूसरी पत्नी शाइस्ता और ससुराल वाले जिम्मेदार हैं। मुझ पर बहुत अत्याचार हुए, मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरे पति को मेरी मय्यत पर न आने दिया जाए। हाथ तक न लगाने दिया जाए। उन्होंने मुझे बहुत पीटा। घर से धक्के मारकर निकाल दिया। जीवन से तंग आकर अपनी मर्जी से जान दे रही हूं। पति को आखिरी बार मेरा चेहरा तक नहीं दिखाना। मेरी प्रॉपर्टी तीनों बहनों में बांट दी जाए। पति और ससुरालियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
पुलिस को दी शिकायत में शबाना के भाई अमान ने जीजा की दूसरी शादी के बारे में बताया। अमान ने बताया कि उसकी बहन शबाना की शादी साल 2012 में परतापुर गांव के यासीन से हुई थी, लेकिन शादी के बाद शबाना को कैंसर हो गया था, इसलिए वह मां नहीं बन पाई। कैंसर तो ठीक हो गया, लेकिन यासीन उसकी बहन को परेशान करने लगा। वह और उसके मां-बाप उसे बच्चे के लिए प्रताड़ित करते थे। 2 महीने पहले यासीन ने शबाना को तलाक दे दिया और शाइस्ता से शादी कर ली। इसके बाद शबाना मायके में रहने लगी। बीती सुबह वह अपने कमरे में फंदे पर झूलती मिली। बेड पर सुसाइड नोट मिला।

