
बदायूं सांसद आदित्य यादव ने लोक सभा में बजट सत्र के दौरान समुद्र एवं माल वहन विधेयक पर रखी अपनी बात
बदायूं ।समाजवादी पार्टी बदायूं लोकसभा से सांसद आदित्य यादव ने आज लोकसभा में बजट सत्र दौरान समुद्र एव माल वहन विधेयक-2024 पर अपनी बात रखी आगे इस मौके पर सांसद में कहा की आपने मुझे इस महत्वपूर्ण विधेयक पर अपनी बात रखने का मौका दिया मैं सर्वप्रथम अध्यक्ष अपने पार्टी के नेता अखिलेश यादव का धन्यवाद दूंगा कि इतने महत्वपूर्ण विधेयक पर मुझे अपनी बात रखने का मौका दिया गया है। अध्यक्ष यह विधेयक देश के संपत्ति से खास जैसा आपने देखा होगा एक समूह को कहीं ना कहीं फायदा पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है मेरा मानना है कि इस विधेयक के जरिए कहीं ना कहीं वो सारी नीतियां जो छोटे हमारे ट्रांसपोर्टर्स होते थे उनको दबाने का इस विधेयक के जरिए प्रयास किया जा रहा है हमने पूर्व में भी देखा है कि किस तरीके से 2021 का जो बंदरगाह विधेयक था उसको लाया गया और गुजरात के अंदर जो एक कंपनी है उसी को सीधे तौर पर इसका फायदा देने के लिए वह विधेयक 2021 में लाया गया था इसी तरीके से आज 2025 के अंदर जो आज यह विधेयक आया है कहीं ना कहीं यह विधेयक भी राज्य के अंदर जो छोटे ऑपरेटर हैं उनको दबाने का काम करेगा यह विकास नहीं यह एकाधिकार का विस्तार है अध्यक्ष इस विधेयक के जरिए कहीं ना कहीं मोनो पोली का भी संभावना दिखाई देती है जैसा कि 204 से 2014 से 2024 तक सिर्फ एक समूह को पूरे बंदरगाह का ट्रांसपोर्टेशन का काम कार्गो का काम दिया गया उसका परिणाम यह था कि जहां पर 14 बंदरगाह एक ही समूह के पास देश भर के आते हैं अभी हमसे पूर्व में वक्ता अपनी बात जब रख रहे थे तो इस बात को उन्होंने कहा कि हमारे देश के बंदरगाह टॉप नंबर पे आते हैं मैं पूछना चाहूंगा इन बंदरगाहों में से कौन सा बंदरगाह ऐसा है जो सरकार के नियंत्रण में आता है वह बंदरगाह खास करके जो निजी हाथों में चले गए हैं जो बड़े व्यापारियों के और एक खास करके एक ग्रुप के पास चले गए हैं यह वो सारे बंदरगाह हैं जिनको आप टॉप लिस्ट में रख रहे हैं लेकिन सरकारी एक भी बंदरगाह नहीं है साथ ही साथ निजीकरण की तरफ बढ़ते हुए जिस तरीके से शिपिंग को पोर्ट को ले जाया जा रहा है हमने देखा है कि किस तरीके से आप लोगों ने जो कर का शेयर था जो कभी 54% हुआ करता था उसको घटाकर आज 45% पे लाया गया है इससे सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है लेकिन फ़ायदा सिर्फ़ एक पूंजीपति को दिया जा रहा है अध्यक्ष मैं आपसे बोलना चाहूंगा कि इस विधेयक के जरिए कृषि के क्षेत्र में भी कई सारी ऐसी वस्तुएं हैं जिनका एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट का काम होगा इसके जरिए कहीं ना कहीं वो एक पूंजीपति या वो एक व्यक्ति या यह प्राइवेट सेक्टर के लोग जो इन पोर्ट्स को चलाएंगे वो अपने मन मांगने दामों पे इन सारी उपज को बेचने का काम करेंगे इससे किसान का कोई फायदा नहीं होगा पूंजीपतियों का फायदा होगा इसीलिए मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि इस विधेयक को हम यहीं रद्द करें और एक नया विधेयक लाने का प्रयास करें जिससे आने वाले समय में हमारे जो छोटे व्यापारी हैं मध्यम वर्ग के व्यापारी हैं जो किसान है जो इस देश की सबसे बड़ी आप कह सकते हैं आत्मा इस देश की है अगर हम उन लोगों की बात को सुनेंगे और इस विधेयक के अंदर प्रयास करेंगे कि उनके समन्वय बनाके उनके जो बिंदु है उनको लेके आया जाए तो मैं समझता हूं यह विधेयक कहीं ना कहीं लोक के इस लोकतंत्र के लिए अच्छा साबित होगा अध्यक्ष मैं आपसे अनुरोध यही करूंगा कि आने वाले समय में प्रयास यह किया जाए कि ट्रांसपेरेंसी रखी जाए मोनो पोली प्राइवेट सेक्टर की खत्म होनी चाहिए शिपिंग सेक्टर के सरकारी रोजगार खत्म होते चले जा रहे हैं हमें इस पर भी ध्यान देना होगा आज प्राइवेट सेक्टर्स पर जो पोर्ट चले गए आप खुद कल्पना कीजिए इस देश के पोर्टों में से एक ऐसी कंपनी है जिसके पास 14 पोर्ट्स हैं 14 पोर्ट्स पे उनकी मोनो पोली चल रही है इसीलिए आप सब जानते हैं मैं आपसे ये अनुरोध करूंगा कि आप सभी लोग इस बात को ध्यान रखें कि हमारी जो सरकार की संपत्ति है वो कहीं ना कहीं सरकार किसी एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए वो सारी संपत्तियों को बेचती चली जा रही है वो पोर्ट जो सरकार को सीधा फायदा दे सकते थे उनको जानबूझ के लॉस में लाकर सालों साल उसमें लॉस दिखाया गया और लॉस दिखाने के बाद जब प्राइवेट सेक्टरों को बेचा जाता है तो हजारों करोड़ का प्राइवेट कंपनी को फायदा होता है क्यों नहीं सरकार खुद इन पोर्टों को स्वयं चलाकर इससे फ़ायदा लेकर जो लोकतंत्र में जो आख़िरी पायदान पे खड़ा व्यक्ति है जिसको हम किसान कहते हैं गरीब कहते हैं पिछड़ा कहते हैं पीडीए का कहते हैं उसको फ़ायदा देने का काम क्यों नहीं कर रही है इसलिए मैं अंत में यही कहूंगा कि यह विधेयक को हमें तत्काल रोक कर रद्द कर कर प्रयास करना चाहिए एक नया विधेयक जो आने वाले समय में मध्यम वर्ग के व्यापारी किसानों को और खास करके छोटे जो हैंडलर्स हैं उन लोगों को फायदा पहुंचा सके ऐसा होना चाहिए और ट्रांसपेरेंसी एक बहुत बड़ा सवाल है अध्यक्ष ट्रांसपेरेंसी भी इसमें होनी चाहिए l

