
अधिवक्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, अपने मांगों के समर्थन में लगाए नारे
आजमगढ़। सरकार द्वारा अधिनियम 1961 में संशोधन विल 2025 के विरुद्ध अधिवक्ता लाम बन्द हैं। अब वे आर पार की लड़ाई के मूंड में हैं। अधिवक्ताओं ने बैठक कर अदालतों के बहिष्कार के साथ धरना प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं।
दी तहसील बार एसोसिएशन निजामाबाद के अधिवक्ता मंगलवार को आंदोलन पर रहे।अधिवक्ताओं ने पुस्तकालय सभागार में साधारण सभा की बैठक की। जिसमें सरकार द्वारा पारित अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन बिल 2025 का अधिवक्ताओं ने विरोध जताया। बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येन्द्र नाथ राय ने कहा की यह काला कानून अधिवक्ता और बादकारी दोनों के हित में नहीं है। उन्होंने ने कहा कि इस काले कानून के वापस होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। बैठक में कानून वापस होने तक अदालतों के बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया गया। तत्पश्चात अधिवक्ता एक जुट होकर नारेबाजी करते हुए अम्बेडकर प्रतिमा तक विरोध प्रदर्शन किया। तथा अपने मांगों के समर्थन में नारे लगाए। अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन के चलते न्यायालयो में काम काज प्रभावित रहा।
प्रदर्शन करने वालों में बार के अध्यक्ष मितई यादव , मंत्री चंद्रेश,। पूर्व अध्यक्ष रामाश्रय चतुर्वेदी, मनोज कुमार राय,खली कुजमा अंसारी, रामचेत यादव, महेंद्र पांडेय ,श्याम प्रकाश उपाध्याय ,उमेश राय ,रजनीश पांडे ,सचिन पांडेय ,प्रभात राय ,विनोद यादव, प्रतीक उपाध्याय,रुदल यादव, मिठाई लाल, सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद रहे।
