Thursday, December 18

बरेली।पांच वर्ष पूर्व बरेली के भोजीपुरा टोल कर्मियों से मारपीट के आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा

पांच वर्ष पूर्व बरेली के भोजीपुरा टोल कर्मियों से मारपीट के आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा

न्यायधीश ने फैसले में कहा कि टोल टैक्स राष्ट्र को मजबूत करता है इन्होंने राष्ट्र को कमजोर करने का किया प्रयास

मुजीब खान

बरेली / आज से पांच वर्ष पूर्व बरेली नैनीताल हाइवे पर पड़ने वाले भोजीपुरा टोल कर्मियों से मारपीट के मामले में पांच आरोपियों को बरेली की जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई इसके साथ सभी आरोपियों पर 50 – 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है अपना फैसला सुनाते हुए न्यायधीश रवि कुमार दिवाकर ने अपनी टिप्पणी में कहा कि टोल टैक्स राष्ट्रहित में बसूला जाने वाला टैक्स है जिससे देश के विकास कार्य होते है ऐसे में इस कार्य में लगे कर्मियों को इस कार्य से रोकना और उन पर हमला देश द्रोही के श्रेणी में आता है क्योंकि की इन आरोपियों राष्ट्र को कमजोर करने का प्रयास किया है।आपको बता दे उपरोक्त मामला वर्ष 2019 का है जिसमें बरेली निवासी पांच आरोपियों को पुलिस ने मुकदमा दर्ज जेल भेज दिया था।

बरेली नैनीताल हाइवे पर भोजीपुरा में स्थित टोल प्लाजा पर कुछ दबंगों ने 2019 में टोलकर्मियों से बुरी तरह मारपीट की थी। टोलकर्मी पर कार चढ़ाकर उसकी हत्या का प्रयास किया था। इस मामले में भोजीपुरा थाने में प्रेमनगर सुर्खा बान खाना निवासी सनी पुत्र भगवान दास, सुमित कुमार पुत्र नवल सिंह, विनोद मौर्य पुत्र राजेंद्र प्रसाद, भोजीपुरा ग्राम हंस निवासी रजत गंगवार पुत्र प्रताप सिंह और प्रेम नगर प्रगति नगर निवासी अंकित भारती पुत्र करन भारती के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 307/149, 323/149, 324/149, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। जिसके बाद अब इस मामले में आरोपियों को सजा हुई है।

अपने ऐतिहासिक फैसले में जज ने कहा कि टोल प्लाजा एक ऐसा सार्वजनिक स्थान है। जहां एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन, घातक गैस वाहन, पुलिस वाहन और अन्य सार्वजनिक वाहन गुजरते हैं। टोल कर्मियों का कर्तव्य है कि वह आपातकालीन वाहनों और अन्य वीआईपी वाहनों को विशेष लेन से रवाना करें, जिससे उन आवश्यक वाहनों को उनके गन्तव्य पर समय से पहुंचने में सहायता मिले। यदि कोई सामान्य वाहन वीआईपी लेन से गुजरने का प्रयास करता है, तो टोलकर्मी उसे रोकते हैं। वाहन में सवार लोगों द्वारा कोई विवाद मात्र टोल न देने को लेकर किया जाए, तो टोल प्लाजा पर भय का माहौल उत्पन्न होता है। ऐसे विवाद और अफरातफरी माहौल में फंसने से आपातकालीन वाहन समय से अपने गन्तव्य पर नहीं पहुंच पाते और जन सामान्य को हानि पहुंचाते हैं। आरोपियों द्वारा टोल प्लाजा जैसे सार्वजनिक स्थान पर घटना कारित कर भय का माहौल उत्पन्न कर प्लाजा कर्मियों के साथ मारपीट कर आवागमन बाधित किया। ऐसे लोग जो सार्वजनिक स्थान पर इस प्रकार की घटना कर भय का माहौल उत्पन्न करें यह जन सामान्य के भी दुश्मन हैं।कोर्ट ने कहा कि टोल प्लाजा पर लिए जाने वाले शुल्क से सरकार देश में सड़क निर्माण कर जनसामान्य को आने-जाने में सुलभता प्रदान करती है। यदि लोग टोल प्लाजा पर लोग शुल्क न देने को लेकर इस प्रकार की घटना करेंगे, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा और राजस्व की हानि होगी एवं विकास के पथ में रुकावट उत्पन्न होगी। इसलिए ऐसे अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। जिला शासकीय अधिवक्ता दिगंबर सिंह ने बताया कि जज रवि कुमार दिवाकर ने अपने आदेश में लिखा है कि टोल टैक्स माध्यम से सरकार धन का संग्रह करती है और उस धन को जनता के विकास कार्यों में लगाती है। आरोपियों के द्वारा एक प्रकार से राज्य सरकार की सत्ता को चुनौती दी गई है, क्योंकि टोल टैक्स का कार्य स्वयं सरकार के कर्मचारी करते हैं या सरकार के द्वारा किसी एजेंसी के माध्यम से कराया जाता है। उन्होंने बताया कि आरोपी सनी, सुमित कुमार, विनोद मौर्य रजत गंगवार और अंकित भारती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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