
वरिष्ठ कवि तौक़ीर सा के काव्य संग्रह “दिल मेरा मुझे कहे” का हुआ विमोचन
शाहजहांपुर / प्रसिद्ध चित्रकार मोहम्मद तौकीर की याद तौकीर आर्टकेड आर्ट फैमिली मार्ग शाहजहांपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तौकीर सा के काव्य संग्रह दिल मेरा मुझको कहे का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रबंधक ज़ीएफ कालेज मलक अब्दुल वाहिद खान शहीद ए वतन अशफाक उल्ला खान के प्रपौत्र अशफाक उल्ला खान इतिहासकार अभिनंदन स्वरूप लखनऊ व अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एस ए जाफर द्वारा किया गया आपको बताते चले कि प्रोफेसर एस ए जाफर इस काव्य संग्रह के संपादक भी है।कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों द्वारा काव्य संग्रह के विमोचन के साथ प्रोफेसर एस ए जाफर व उनके भाई वरिष्ठ चित्रकार मोहम्मद कमर को बधाई दी।आयोजक डा. मोहम्मद क़मर, संयोजक राशिद हुसैन राही, सह संयोजक खलीक अहमद शौक़ ने मचासीन अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर व शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। गोष्ठी का संचालन एडवोकेट एवं प्रसिद्ध शायरा गुलिस्तां ख़ान ने किया।
इस दौरान कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान प्रोफेसर एस ए जाफर ने काव्य संग्रह की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके द्वारा संपादित इस काव्य संग्रह को हिंदी में प्रकाशित करवाया गया है उन्होंने कहा कि आशा करता हूं कि इस काव्य संग्रह या हिंदी गजल संग्रह को पढ़ने वाले को हर प्रकार के दिल को छू लेने वाले शेर पढ़ने को मिलेंगे इसमें प्रयास किया गया है । उन्होंने बताया कि इसका नाम दिल मेरा मुझसे कहे इस लिए रखा गया है जो दिल ने कहा वह इसमें शायरी के जरिए उतार दिया गया या यह कहे कि इसमें लिखित शेर और गजले दिल की आवाज है ।
प्रख्यात चित्रकार एवं कार्यक्रम के आयोजक डॉ. मोहम्मद क़मर ने कहा कि वह शेर ही क्या जो कोई चित्र न बनाता दिखता हो और वह चित्र ही क्या जो अपने आप कोई शेर या काव्य समेटे हुए न हो या यूं कहा जाए कि काव्य के बिना चित्रकारी अधूरी है और चित्रकारी के बिना काव्य अधूरा है इस लिए आज उन्होंने एक चित्रकार होने के नाते काव्य और चित्रकारी को एक मंच पर लाने का प्रयास किया है जो आज आप सबके सामने है।
विमोचन कार्यक्रम में शाहिद ए वतन अशफाक उल्ला खान के प्रपौत्र ने कहा कि आज इस कार्यक्रम को देखकर दो बातों पर विश्वास हो गया कि शाहजहांपुर में यदि कलाकार है तो कला के चाहने वाले भी मौजूद है उन्होंने कहा को शेरों शायरी ग़ज़ल कविताओं को सुनने वालो के साथ साथ आज चित्रकारी को पसंद करने वालो की कोई कमी नहीं है उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर की धरती का नाम यदि यहां के शहीदों ने रोशन किया तो यहां के कलाकारों ने भी शाहजहांपुर की पहचान विश्व पटल पर बनाने का काम किया है आज तौकीर साहब की याद में आयोजित इस कार्यक्रम काव्य और चित्रकारी का अनूठा संगम देखने को मिला इसके साथ सभी धर्मों के लोगों की एक ही पसंद देखकर लगा को कोई भी ताकत हमारी इस गंगा जमुनी तहजीब को खत्म नहीं कर सकती आज इस काव्य संग्रह के विमोचन पर मै तौकीर सा को दिली मुबारकबाद देता हूं।
विमोचन कार्यक्रम में मुख्य रूप से उमेश दीक्षित, राजाराम, प्रोफेसर साबिरा सुल्ताना, मोहम्मद रफ़ी, डॉक्टर ऊषा गर्ग, नरेंद्र सक्सेना, प्रमोद प्रमिल, सैयद मोहम्मद असलम, इरफान अहमद अंसारी, सगीर रज़ा, दिनेश सिंह, जलील अहमद, सैयद मुशर्रफ, सिनिष्ठा श्रीवास्तव अनामिका सिंह, डाक्टर मोहम्मद तैयब, मुजीब खान, अहसन जलील, अलशिफ़ा, यासिर रज़ा आदि मौजूद रहे।

