
समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ी, बिजली चोरी में एफआईआर दर्ज
(आशुतोष शर्मा/राहुल कुमार )संभल। समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है और बढ़ती ही जा रही है। अब सपा सांसद के खिलाफ बिजली चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सांसद के खिलाफ बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 135 (बिजली की चोरी या बिजली का अनधिकृत उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया। वहीं बर्क के पिता ममलुकुर्रह्मान बर्क पर जांच करने के पहुंचे अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगा है। इस मामले में उनके पिता के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शिरीष चंद्र ने कहा, बिजली विभाग ने दीपा सराय इलाके में सुरक्षित और सुचारू निरीक्षण के लिए पुलिस सहायता मांगी है। फिलहाल निरीक्षण जारी है। निरीक्षण किए जा रहे स्थान के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर एएसपी ने कहा, यह सांसद का आधिकारिक आवास है, जहां बिजली विभाग जांच कर रहा है। बिजली विभाग के उपमंडल अधिकारी संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सांसद के आवास पर 2-2 किलोवाट के दो कनेक्शन और 10 किलोवाट का सोलर पैनल है। उन्होंने कहा,‘‘हालांकि, उपयोग और उपकरणों के आधार पर आवश्यकता आठ से 10 किलोवाट के बीच होनी चाहिए।’’ सांसद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील कासिम जमाल ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, निवास में चार किलोवाट के दो कनेक्शन, 10 किलोवाट का सोलर पैनल और पांच किलोवाट का जनरेटर है। ‘सेटअप’ में दो ‘एयर कंडीशनर’, 6-7 ‘सीलिंग फैन (छत वाले पंखे)’ एक रेफ्रिजरेटर और लाइट शामिल हैं। बिल बहुत कम है क्योंकि यहां परिवार के केवल चार सदस्य रहते हैं।सांसद, उनकी पत्नी, उनकी मां और उनके पिता।’’ विद्युत विभाग का निरीक्षण जारी है क्योंकि अधिकारी अनुमानित खपत के मुकाबले मौजूदा कनेक्शन का मूल्यांकन कर रहे हैं। इलाके में पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की भारी तैनाती है।
समाजवादी पार्टी के सांसद उन लोगों में शामिल हैं जिन पर पुलिस ने 24 नवंबर की हिंसा के सिलसिले में मामला दर्ज किया है। न्यायालय के आदेश पर शहर के कोट गर्वी इलाके में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के हो रहे सर्वेक्षण का विरोध करने पर सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में चार स्थानीय लोगों की मौत हो गई थी। बर्क ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है। बर्क पर 24 नवंबर को लोगों को भड़काने का आरोप है ।
पुलिस ने आरोप लगाया है कि सर्वेक्षण के दौरान हिंसा के पीछे उनका भड़काऊ भाषण ही कारण था। रिट याचिका में सांसद ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।

