Sunday, December 14

चंपावत । जल संरक्षण कार्यों को देखने पहुंची नोडल अधिकारी श्रीमती रश्मि रंजीता, जिले में प्राक्रतिक जल स्रोतों, नौलों व अमृत सरोवरों का किया निरीक्षण, जल शक्ति अभियान के तहत जनपद में ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम अंतर्गत हो रहे कार्यों का लिया जायजा

 जल संरक्षण कार्यों को देखने पहुंची नोडल अधिकारी श्रीमती रश्मि रंजीता, जिले में प्राक्रतिक जल स्रोतों, नौलों व अमृत सरोवरों का किया निरीक्षण, जल शक्ति अभियान के तहत जनपद में ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम अंतर्गत हो रहे कार्यों का लिया जायजा

वर्षा जल संचयन हेतु जनपद में रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर किए जाएं अधिक प्रयास

चंपावत – जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए और जल शक्ति अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की निदेशक एवं नोडल अधिकारी जल शक्ति अभियान, रश्मि रंजीता ने चंपावत जनपद का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिले के विभिन्न जल स्रोतों, नौलों, अमृत सरोवरों और नर्सरी का निरीक्षण किया और इन क्षेत्रों में किए जा रहे जल संरक्षण, संवर्धन और संचयन कार्यों का अवलोकन किया।

सोमवार देर शाम जिले के मुख्यालय पहुंचने के बाद, रंजीता ने जिला कार्यालय सभागार में जल शक्ति अभियान “कैच द रेन” के तहत अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में जिले में जल संचय, जल संरक्षण, जल संवर्धन, पौधारोपण और अन्य जल संबंधित कार्यक्रमों की प्रगति पर चर्चा की गई।

इससे पहले, सोमवार को रंजीता ने श्यामलाताल क्षेत्र में जल शक्ति अभियान के तहत किए जा रहे जल संरक्षण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जल स्रोतों और नलों की स्थिति का मूल्यांकन किया और इन कार्यों को गति देने की आवश्यकता पर बल दिया।

समीक्षा बैठक में जनपद चंपावत के जल संबंधी कार्यों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें गंडक नदी पुनर्जन्म, नौला सुधार और जल संचयन पर किए गए प्रयासों का जिक्र किया गया। उन्होंने विशेष रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) की आवश्यकता और इसके महत्व पर जोर दिया, और साथ ही कहा कि जनपद की गंडक नदी के पुनर्जीवन पर अधिक कार्य किए जाने चाहिए।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए, रंजीता ने कहा, “हमारे जल स्रोतों का मुख्य स्रोत वर्षा है, और इसलिए हमें अधिकतम वर्षा जल संग्रहण के लिए सभी प्रयासों को मजबूत करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि जल संचयन के प्रयासों में स्थानीय जल स्रोतों, नौलों और सरोवरों को संरक्षित करने की आवश्यकता है।

मंगलवार को, रंजीता ने नर्सिंग कॉलेज में स्थापित रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक का निरीक्षण किया और जल संचयन की तकनीकी पहलुओं पर अधिकारियों से चर्चा की। इसके बाद, उन्होंने देवीधुरा रेंज के भूतली नाला और नघान अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। साथ ही बाजगांव खेतीखान में अमृत सरोवर परियोजना के तहत किए गए कार्यों का भी मूल्यांकन किया।

इसके अतिरिक्त, रंजीता ने धरोंज क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से संवाद किया और जल शक्ति अभियान में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और जल संरक्षण के प्रयासों में उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया।

बैठक और भ्रमण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी दिनेश सिंह दिगारी, अधिशासी अभियंता सिंचाई तरुण बंसल, लघु सिंचाई अभियंता प्रशांत कुमार, पेयजल निगम, जल संस्थान, उपप्रभागीय वनाधिकारी नेहा चौधरी, और खंड विकास अधिकारी चंपावत, लोहाघाट, पाटी सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।

जल शक्ति अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों को लेकर रंजीता ने जल संरक्षण और संचयन के महत्व को व्यापक रूप से समझने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया। उनका यह कहना था कि, “जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने से ही हम जल संकट के समाधान की दिशा में प्रभावी कदम उठा सकते हैं।”

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