Wednesday, December 17

सहरसा जिले के खोजराहा गांव में अजमत ए वालदैन कांफ्रेंस आयोजित

  1. सहरसा जिले के खोजराहा गांव में अजमत ए वालदैन कांफ्रेंस आयोजित

सहरसा। जिले के सलखुआ प्रखंड अंतर्गत खोजराहा गांव में बीती रात अजमत ए वालदैन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में अमेरिका से पधारे सैयद औलाद रसूल कुदसी एवं मौलाना कमर अहमद अशरफी मिस्बाही, नाजिम-ए-आला जामा अशरफ कुचौछा शरीफ और मेजबान के रूप में मौलाना रफीक वारिस मिस्बाही ने कार्यक्रम में भाग लिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना सैयद साजिद अशरफ ने की। मौके पर सैयद ओलाद रसूल कुदसी ने कहा कि माता-पिता का आदर और सम्मान करना चाहिए और हमें इस दुनिया और उसके बाद की सुरक्षा के लिए अपने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार और सेवा करनी चाहिए। मुफ्ती आजम अमेरिका ने तीस किताबें लिखी हैं और उनकी शायरी की किताब सामने आई है। मौकै पर मौलाना कमर अहमद अशरफी मेसबाही, नाजिम-ए-आला जामे अशरफ कछौछा शरीफ ने संबोधित करते हुए कहा कि हर धर्म में माता पिता की सेवा की जाती है, उन्होंने पवित्र शब्द का जिक्र करते हुए कहा कि माता-पिता की सेवा नहीं की जानी चाहिए मित्र बनने के लिए कहा जाए, परंतु उनकी सेवा की जाए, उनके सम्मान की रक्षा की जाए तथा बुढ़ापे में उनका साथ दिया जाए। दादी-नानी को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने कहा कि मां तो मां होती है और बच्चे अपनी मां के ज्यादा करीब होते हैं, इसलिए उन्हें भी अपने दादी-नानी के रिश्ते का ख्याल रखना चाहिए और युवाओं से अपील किया कि वे अपने माता-पिता की हर प्रस्थिति में सेवा करे।

और उनके लिए ईश्वर से प्रार्थना करें। .कुछ भी न चूकें। कार्यक्रम का संचालन मौलाना कैसर मिस्बाही उस्ताद दारुल उलूम फैजान वारिस हरेवा ने की , और मुजफ्फर अरवी ने नात ख्वान की भूमिका में भाग लिया। बताया जाता है कि खोजराहा गांव के समाज सेवी अब्दुल वुदुद की पत्नी के इसाल सवाब के हेवाले से प्रोग्राम का आयोजन गया था। आयोजित कार्यक्रम में आसपास समेत दुर दराज के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस मौके पर सैयद कलाम अशरफ, मौलाना रिजवान अहमद कादरी, अब्दुल वदुद , अरशद मंजर मनसूरल हसन , मो इनाम वारिस , इंजियर मो नकीब आलम, बेलाल अहमद, मोजफ्फर , नेहाल अहमद, हेलाल अहमद, मसुद आलम, मौलाना अकबर अली, मौलाना फजल वारिस मिस्बाही, मौलाना रिजवान अहमद हबीबी , फोजैल अहमद, शफिक वारिस, मो शौकत अली, ताहिर , फारुक , अनीस , सरफराज आलम , अता वारिस, अहमद रजा, शहनवाज वारिस, जुनैद आलम, तालीम, दानिश , हारिस, सन्नी आदि मौजुद थे।

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