भदोही में शोक की लहर! मुरलीधर बिन्द जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि ।
विश्व के सबसे छोटी कद के बीएसएफ कमांडेंट मुरलीधर पंचतत्व में विलीन।
शरद बिंद/ भदोही।
भदोही जिले के मदनपुर गांव में गम का सन्नाटा पसरा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत्त डिप्टी कमांडेंट श्री मुरलीधर बिन्द जी का स्वास्थ्य कारणों से निधन हो गया। उनके जाने से न केवल एक परिवार बल्कि पूरा क्षेत्र शोकसागर में डूब गया है। जिला प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी श्री शैलेष कुमार एवं पुलिस अधीक्षक श्री अभिमन्यू मांगलिक ने स्वयं उनके पैतृक गांव पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की और परिजनों को सांत्वना दी। यह दृश्य अपने आप में बताता है कि मुरलीधर जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे भदोही के गौरव थे। मुरलीधर बिन्द जी का जीवन प्रेरणा से भरा हुआ था। एक साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स में भारत का नाम रोशन किया। लंबी दूरी की दौड़ में उनकी उपलब्धियाँ आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं। इसके बाद उन्होंने बीएसएफ ज्वाइन की और देश की सीमाओं पर डिप्टी कमांडेंट के पद तक पहुंचकर अनुकरणीय सेवा दी। खेल और कर्तव्य, दोनों क्षेत्रों में उन्होंने जो मिसाल कायम की, वह बताती है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो छोटे से गांव का लड़का भी देश-दुनिया में पहचान बना सकता है!उनके निधन से सबसे बड़ा नुकसान उन हजारों युवाओं का हुआ है जो उन्हें अपना रोल मॉडल मानते थे। भदोही जैसे क्षेत्र में जहां संसाधनों की कमी रहती है, वहां मुरलीधर जी जैसे व्यक्तित्व उम्मीद की किरण बनकर उभरते हैं। उनका जाना हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमें अपने जीवित रहते हीरोइनों को कितना सम्मान देते हैं? क्या हम उनके योगदान को भूल तो नहीं जाते! आज पूरा भदोही शोक मना रहा है। सोशल मीडिया से लेकर गांव की चौपालों तक हर जगह एक ही बात – “मुरलीधर जी अमर रहें”। प्रशासन का उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि देना यह संदेश देता है कि समाज और सरकार, दोनों को अपने नायकों को याद रखना चाहिए। मुरलीधर बिन्द जी भले ही हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी तेज दौड़, उनकी देशभक्ति और उनका संघर्ष हमेशा जिंदा रहेगा। ईश्वर उनके परिवार को यह अपार दुख सहने की शक्ति दे और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।भदोही की इस धरती के सच्चे सपूत को कोटि-कोटि नमन।

