आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच से ही संभव है सफलता : के. गिरी
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ प्रेरक सत्र
जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के तत्वावधान में शुक्रवार को “अनलॉक योर इनर पोटेंशियल” विषय पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान का आयोजन इन्क्यूबेशन सेंटर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, शिक्षा जगत के प्रख्यात व्यक्तित्व के. गिरी ने विद्यार्थियों को आत्मविकास, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के माध्यम से सफलता प्राप्त करने के सूत्र बताए।
अपने अनुभव साझा करते हुए श्री गिरी ने कहा कि “हर व्यक्ति के भीतर असीम संभावनाएं छिपी होती हैं। यदि उन्हें पहचानकर सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता।” उन्होंने यह भी कहा कि “सफलता केवल तकनीकी ज्ञान पर निर्भर नहीं करती, बल्कि आत्मअनुशासन, दृढ़ संकल्प और नेतृत्व क्षमता भी उतनी ही आवश्यक हैं।”
उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि स्वयं को समझना और अपने भीतर के सामर्थ्य को पहचानना ही जीवन में आगे बढ़ने का पहला कदम है। श्री गिरी ने बताया कि वर्ष 1992 में उन्होंने 250 से अधिक पब्लिक स्कूलों की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई थी। वर्ष 1995 से अब तक उन्होंने देशभर में 20 से अधिक प्रबंधन संस्थान स्थापित किए हैं, जिनसे 5000 से अधिक विद्यार्थियों ने सफल करियर की दिशा प्राप्त की है।
कार्यक्रम के दौरान सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार ने कहा कि इस प्रकार के सत्र विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास और करियर निर्माण में मील का पत्थर साबित होते हैं। विश्वविद्यालय भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण और विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित करता रहेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो. प्रदीप कुमार ने के. गिरी का बुके भेंट कर स्वागत किया। स्वागत और परिचय भाषण छात्रा श्रेय मिश्रा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रो. अविनाश डी. पार्थडीकर, श्याम त्रिपाठी, दिव्यांशु संजय, आयुष गुप्ता, रुद्रांश चतुर्वेदी, वैभव सिंह सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

