Wednesday, December 17

बलिया/लखनऊ।अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने घोषित किया आंदोलन11 दिसम्बर को जंतर मंतर पर सांकेतिक धरना, फरवरी 2026 में संसद मार्च रैली

अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने घोषित किया आंदोलन11 दिसम्बर को जंतर मंतर पर सांकेतिक धरना, फरवरी 2026 में संसद मार्च रैली

 संजीव सिंह बलिया/लखनऊ। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से हजरतगंज स्थित डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने देशभर के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करते हुए आगामी आंदोलन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 01 सितम्बर 2025 के निर्देश में प्राथमिक शिक्षकों की सेवा में बने रहने और पदोन्नति के लिए दो वर्ष के भीतर टेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य करने का प्रावधान शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।इस संबंध में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा प्रधानमंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजते हुए इस निर्णय को वापस लेने व शिक्षा अधिकार नियमावली में संशोधन किए जाने की मांग की गई है। संघ ने सरकार से देश के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया है।पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर संघ के अध्यक्ष सुशील पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षकों ने इस निर्णय के विरोध में संवैधानिक तरीके से काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य किया, ज्ञापन सौंपे और हस्ताक्षर अभियान चलाए। बताया गया कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई है, जो विचाराधीन है।उन्होंने कहा कि देशभर के शिक्षक सर्वोच्च न्यायालय या सरकार से सकारात्मक संदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय न मिलने के कारण शिक्षक वर्ग में मानसिक तनाव और निराशा है।सुशील पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों की प्रमुख समस्या वर्तमान में टेट अनिवार्यता है जो इन-सर्विस शिक्षकों के लिए अव्यवहारिक और अनुचित है। संघ की मांग है कि टेट की अनिवार्यता समाप्त की जाए अथवा संशोधित की जाए। साथ ही पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, पेंशनभोगी शिक्षकों को पूर्ववत सुविधा, सभी राज्यों में समान वेतनमान, संविदा शिक्षकों का नियमितीकरण तथा नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षक विरोधी प्रावधानों को तत्काल हटाए जाने की मांग की गई है।संघ के अध्यक्ष ने बताया कि संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 11 दिसम्बर 2025 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर देशभर के शिक्षक सांकेतिक धरना देंगे। यदि इसके बाद भी सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो नव वर्ष 2026 के फरवरी माह में दिल्ली के रामलीला मैदान से संसद तक विशाल “संसद मार्च रैली” आयोजित की जाएगी।उन्होंने कहा कि यह आंदोलन देशभर के शिक्षकों की एकजुटता और सेवा सुरक्षा की लड़ाई होगा, जिसमें राज्य शिक्षक संगठन अपने-अपने प्रदेशों से अधिकतम संख्या में भाग लेंगे।

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