Monday, December 15

शाहजहांपुर।चन्द्रा नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मरीज की मौत, परिजनों का काटा हंगामा ।

चन्द्रा नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मरीज की मौत, परिजनों का काटा हंगामा ।

शाहजहांपुर। योगेन्द्र यादव 

जनपद के रोजा आदर्श नगर कॉलोनी स्थित चन्द्रा नर्सिंग होम में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो जाने से परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक के परिजनों ने नर्सिंग होम के डॉक्टर पर लापरवाही और अवैध उपचार का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। घटना की सूचना मिलते ही सीओ सदर मौके पर पहुंच गए

मिली जानकारी के अनुसार, अशोक कुमार गुप्ता को पेट दर्द की शिकायत पर उनके परिजन दिनांक 28 अक्टूबर की सुबह चन्द्रा नर्सिंग होम लेकर पहुंचे थे। परिजनों का कहना है कि वे मरीज को डॉ. मुनीश चन्द्र को दिखाने आए थे, लेकिन मौके पर मौजूद डॉ. आशीष अग्रवाल, जो कि बीडीएस डिग्री धारक डेंटिस्ट हैं, ने स्वयं इलाज शुरू कर दिया। आरोप है कि उन्होंने बिना किसी जांच और अनुभव के कई इंजेक्शन लगाए, जिससे मरीज की हालत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।मरीज की मौत की खबर फैलते ही परिजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने शव को लेकर थाने का रुख किया और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही सीओ सदर प्रियांक जैन पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत कराया। उन्होंने मामले की गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया। इस बीच, मृतक के पुत्र अंशू गुप्ता पुत्र अशोक कुमार गुप्ता ने अपने परिवार के साथ पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। परिजनों ने लिखित तहरीर देकर आरोप लगाया कि डॉ. आशीष अग्रवाल बीडीएस डिग्री धारक हैं, फिर भी वे फिजीशियन नं होते हुए सभी बीमारियों का इलाज करते हैं। इससे पहले भी उनकी लापरवाही से कई मरीजों की जान जा चुकी है, लेकिन अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

परिवार का कहना है कि चिकित्सक एवं नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई की जाये।

उधर जानकारी मिलते ही शहर के तमाम चिकित्सक थाने पहुंच गए।

घटना के संबंध में जब डॉ. आशीष अग्रवाल से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि मेरे पिता डॉ मुनीष चंद्र 75 वर्षीय एमबीबीएस डॉक्टर तथा रेल विभाग से मेडिकल डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्ति हैं उनके ही निर्देशन मे “मरीज अशोक कुमार गुप्ता का कई दिनों से हमारे यहां इलाज चल रहा था। तथा इंजेक्शन लगाए गए थे ।इलाज के दौरान ऐसा कोई इंजेक्शन नहीं लगाया गया जिससे मरीज की जान जा सके। मौत का कारण हार्ट अटैक भी संभव हो सकता है हमारे ऊपर लगाए जा रहे सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और निराधार हैं। हम हर प्रकार की चिकित्सकीय प्रक्रिया का पालन करते हैं। घटना दुखद है, लेकिन इसे लापरवाही बताना गलत है।”

वहीं पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है, तथा तहरीर के आधार पर रिपोर्ट जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजी जा रही है। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को देखते हुए जिला अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं।

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